शराबकांड पर NHRC की जांच पर बिहार में गर्मायी सियासत, महागठबंधन सरकार ने औचित्य पर उठाया सवाल

By एस पी सिन्हा | Published: December 21, 2022 08:47 PM2022-12-21T20:47:31+5:302022-12-21T20:49:07+5:30

ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि आत्महत्या करने वाले के खिलाफ भी कानून में कार्रवाई का प्रोविजन है शराब जब बंद है तो शराब पीकर आत्महत्या करने वालों के खिलाफ भी कानून में कार्रवाई का प्रोविजन है।

Politics heats up in Bihar on NHRC probe on liquor case Grand Alliance govt raises question on propriety | शराबकांड पर NHRC की जांच पर बिहार में गर्मायी सियासत, महागठबंधन सरकार ने औचित्य पर उठाया सवाल

शराबकांड पर NHRC की जांच पर बिहार में गर्मायी सियासत, महागठबंधन सरकार ने औचित्य पर उठाया सवाल

Highlightsमुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत तमाम मंत्री इसके खिलाफ मंत्री भड़के हुए हैं। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि बिहार में कहीं से कानून का कोई उल्लंघन नहीं है।मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार का मानना है कि जहरीली शराब पीकर किसी की मृत्यु मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं है।

पटना: बिहार के छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत की जांच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा किये जाने पर सियासत गर्मा गई है। एनएचआरसी द्वारा की जा रही जांच को जहां भाजपा सही ठहरा रही है, वहीं नीतीश सरकार इसपर विफरी हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत तमाम मंत्री इसके खिलाफ मंत्री भड़के हुए हैं। 

उन्होंने टीम के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा है कि देश के कई अन्य राज्यों में भी सैकड़ों लोग जहरीली शराब पीकर मौत का शिकार हो चुके हैं, लेकिन आज तक कहां मानवाधिकार आयोग की टीम गई है, यह भी देखना चाहिए। वहीं भाजपा ने कहा है कि बिहार में शराब से सौ से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं, ऐसे में मानवाधिकार आयोग की तरफ से उठाया गया कदम कही से गलत नहीं है।

ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि बिहार में कहीं से कानून का कोई उल्लंघन नहीं है। उन्होंने कहा कि आत्महत्या करने वाले के खिलाफ भी कानून में कार्रवाई का प्रोविजन है शराब जब बंद है तो शराब पीकर आत्महत्या करने वालों के खिलाफ भी कानून में कार्रवाई का प्रोविजन है। यह बात केंद्र सरकार को भी पता है। उन्होंने कहा कि 4 महीने भाजपा का साथ छोड़े हुए हैं और हमारे यहां सब गलती होने लगी। 

वहीं मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार का मानना है कि जहरीली शराब पीकर किसी की मृत्यु मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं है। ऐसे में मानवाधिकार की टीम का बिहार दौरा किस लिए हो रहा है या सभी समझ से परे हैं। देश के कई अन्य राज्यों में भी सैकड़ों लोग जहरीली शराब पीकर मौत का शिकार हो चुके हैं लेकिन आज तक कहां मानवाधिकार आयोग की टीम गई है यह भी देखना चाहिए। 

वहीं बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर ने कहा कि नफरत फैलाने वाले केवल नफरत की बात करते हैं लेकिन हमारी सरकार लोगों को जागरूक करने में लगी है। बिहार में शराब पूर्ण बैन है। शराबबंदी को लेकर जागरूक करने के लिए शिक्षा विभाग छात्रों के माध्यम से जागरूकता के लिए पहल कर रही है। जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ने कहा कि यह सरकार अंधी हो चुकी है, इसीलिए सरकार को 38 से ज्यादा मौतें दिखाई नहीं दे रही है। 

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग पर जो आरोप लगा रही है, वह बिल्कुल गलत है। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने खुद संज्ञान लिया है और उसे जांच करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के लोग वैसे लोगों को टिकट देते हैं, जो खुद शराब माफिया हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को किसी हालत में मुआवजा देना होगा। उन्होंने कहा कि जब तक हम लोग मुआवजा नहीं दिला देंगे तब तक हम लोग झुकने वाले नहीं है ना रुकने वाले हैं।

Web Title: Politics heats up in Bihar on NHRC probe on liquor case Grand Alliance govt raises question on propriety

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