आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट ही न दें राजनीतिक दल, चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा
By भाषा | Published: January 24, 2020 02:23 PM2020-01-24T14:23:14+5:302020-01-24T14:23:14+5:30
चुनाव आयोग ने कहा कि उम्मीदवारों से उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि की मीडिया में घोषणा करने के बारे में कहने के बजाए राजनीतिक दलों से कहा जाना चाहिए कि वे आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट ही न दें।
चुनाव आयोग ने उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को कहा कि चुनावी उम्मीदवारों को इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में घोषणा करने के 2018 के उनके निर्देश से राजनीति के अपराधीकरण पर रोक लगाने में मदद नहीं मिल रही है।
चुनाव आयोग ने कहा कि उम्मीदवारों से उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि की मीडिया में घोषणा करने के बारे में कहने के बजाए राजनीतिक दलों से कहा जाना चाहिए कि वे आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट ही न दें।
न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन और न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट्ट की पीठ ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह देश में राजनीति के अपराधीकरण को रोकने के मद्देनजर रूपरेखा बनाकर एक सप्ताह के भीतर अदालत में पेश करे।
शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता भाजपा नेता एवं अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय और चुनाव आयोग से कहा कि वह साथ मिलकर विचार करें और सुझाव दें जिससे राजनीति में अपराधीकरण पर रोक लगाने में मदद मिले।
सितंबर 2018 में पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया था कि सभी उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से पहले चुनाव आयोग के समक्ष अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि की घोषणा करना होगी। उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि के बारे में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में व्यापक प्रचार करने को भी कहा गया था।