राजनीतिक परिस्थितियां बदलती रहती हैं: वासनिक ने एआईयूडीएफ के साथ संबंध तोड़ने पर कहा
By भाषा | Published: September 1, 2021 08:27 PM2021-09-01T20:27:05+5:302021-09-01T20:27:05+5:30
अखिल भारतीय संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (एआईयूडीएफ) और बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (बीपीएफ) से संबंध तोड़ने के असम कांग्रेस के फैसले का समर्थन करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक ने बुधवार को कहा कि राजनीतिक परिस्थितियां बदलती रहती हैं और इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से ये बदल गई हैं। वासनिक ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य कांग्रेस के नेता बृहस्पतविार को दिल्ली के लिए रवाना होंगे और पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व को असम के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे। उन्होंने एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन तोड़ने के असम प्रदेश कांग्रेस समिति (एपीसीसी) के फैसले के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘मेरा मानना है कि एपीसीसी ने इस मामले पर पर्याप्त विचार-विमर्श के बाद यह फैसला किया होगा। उनके पास (ऐसा करने का) पूर्ण अधिकार है। उनके पास यह फैसला लेने का पूरा अधिकार है कि उन्हें किसके साथ जाना है। इसे लेकर कोई आपत्ति नहीं है।’’ वासनिक ने कहा कि कांग्रेस ने इस साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव से पहले एआईयूडीएफ और अन्य विपक्षी दलों के साथ हाथ मिलाया था क्योंकि उस समय की स्थिति की मांग थी कि सभी भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) विरोधी दलों को एक साथ आना चाहिए। वासनिक ने कहा, ‘‘राजनीतिक परिस्थिति समय-समय पर बदलती रहती है। यह कभी स्थिर नहीं रहती। केवल एक चीज जो (स्थिर) रहती है, वह है भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मूलभूत सिद्धांत।’’ एपीसीसी की कोर कमेटी ने बीपीएफ के साथ भी नाता तोड़ने का फैसला किया है, जबकि एक अन्य सहयोगी दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि उसका कांग्रेस के साथ केवल सीट साझा करने को लेकर समझौता है, लेकिन वह गठबंधन का हिस्सा नहीं है। राज्य में इस साल के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के नेतृत्व में 10-पार्टी 'महागठबंधन' या 'महाजोत' का गठन किया गया था। कांग्रेस, एआईयूडीएफ और बीपीएफ के अलावा जिमोचायन (देवरी) पीपुल्स पार्टी (जेडीपीपी), आदिवासी नेशनल पार्टी (एएनपी), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), भाकपा (माले), आंचलिक गण मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने गठबंधन किया था। यह पूछे जाने पर कि क्या 'महागठबंधन' अब भी बरकरार है, वासनिक ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया और कहा कि राज्य से पार्टी के नेता दिल्ली जाएंगे और असम में राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर राष्ट्रीय नेताओं को एक रिपोर्ट सौंपेगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद को एक अर्थशास्त्री के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह "विफल" होंगे जैसा कि वह नोटबंदी के दौरान हुए थे। वासनिक ने कहा, ‘‘भारत की गाढ़ी कमाई से बनाई गई सम्पत्तियों की बिक्री सबसे बड़ा राष्ट्र-विरोधी कृत्य है। आजादी के बाद 67 सालों में बनाई गई राष्ट्र की संपत्ति बेची जा रही है और हम जानते हैं कि मोदी के कुछ दोस्त ही इन्हें हड़प लेंगे।’’ उन्होंने दावा किया कि सरकार सूचीबद्ध संपत्तियों से छह लाख करोड़ रुपये अर्जित करने का लक्ष्य रख रही है, लेकिन वास्तविक मूल्य 60 लाख करोड़ रुपये से अधिक होगा।उन्होंने कहा कि कांग्रेस निजीकरण के खिलाफ नहीं है, लेकिन पूर्व संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार) ने विनिवेश की परिकल्पना केवल लंबे समय से घाटे में चल रहे सार्वजनिक उपक्रमों और न्यूनतम या महत्वहीन बाजार हिस्सेदारी वाली कंपनियों के मामले में की थी।
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