महिला ने नरेन्द्र मोदी से पूछा लोकसभा में 300 सीटें जीतने का फार्मूला, पीएम ने दिया दिलचस्प जवाब
By विकास कुमार | Published: December 22, 2018 02:42 PM2018-12-22T14:42:10+5:302018-12-22T15:52:56+5:30
'मेरा बूथ सबसे मजबूत' के नाम के साथ मोदी देश भर के कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद कर रहे हैं। इसी कार्यक्रम के दौरान तमिलनाडु की एक महिला ने प्रधानमंत्री मोदी से लोकसभा चुनाव में 300 सीटें जीतने का फार्मूला पूछा, नरेन्द्र मोदी ने इस सवाल की तारीफ की और उसके बाद जवाब दिया।
तीन राज्यों में भाजपा की हार के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद व्यक्तिगत स्तर पर सक्रिय हो गए हैं। और इन दिनों अपने एप्प के जरिये लोगों के साथ सीधे जुड़ रहे हैं।
'मेरा बूथ सबसे मजबूत' के नाम के साथ मोदी देश भर के कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद कर रहे हैं। इसी कार्यक्रम के दौरान तमिलनाडु की एक महिला ने प्रधानमंत्री मोदी से लोकसभा चुनाव में 300 सीटें जीतने का फार्मूला पूछा, नरेन्द्र मोदी ने इस सवाल की तारीफ की और उसके बाद जवाब दिया।
महिला ने पूछा, सर हमारी पार्टी को 2014 के लोकसभा चुनाव में 282 सीटें प्राप्त हुई थी, लेकिन इस बार हम 300 सीटें जीतना चाहते हैं, इसके लिए हमें क्या करना चाहिए?'
नरेन्द्र मोदी ने इस सवाल के जवाब में त्रिपुरा का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के कार्यकर्ता त्रिपुरा को एक उदाहरण के रूप में ले सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कैसे हमारे कार्यकर्ताओं ने अथक परिश्रम के द्वारा इस जीत को पाया है। दिन-रात एक कर और लोगों का भरोसा जीतकर उनलोगों ने भाजपा की सरकार बनवाई।
उन्होंने तमिलनाडु के भाजपा कार्यकर्ताओं को थ्री पॉइंट फार्मूला भी दिया। इन्फॉर्म, इनक्रीज और इम्प्रूव। मोदी ने कहा कि आप लोगों को केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में बताइए। उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना, स्किल इंडिया, और मुद्रा जैसी योजनाओं के बारे में बताइए। जब लोगों को इन योजनाओं से फायदा होगा तो वो पार्टी के मिशन से जुड़ते चले जायेंगे।
नरेन्द्र मोदी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए कार्यकर्ताओं में जान फूंकना चाह रहे हैं। क्योंकि हाल के चुनावों में हार के कारण भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा हुआ है। इसलिए खुद पीएम मोदी ने कमान अपने हांथ में ले लिया है।
ऐसा कहा जा रहा है कि तीन राज्यों में हार के बाद नरेन्द्र मोदी का अमित शाह के ऊपर भरोसा कम हुआ है। वो साथ ही योगी आदित्यनाथ जैसे नेताओं का पर कतर सकते हैं। योगी आदित्यनाथ की छवि के कारण पीएमओ ने भी नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम से उनकी दूरी बनानी शुरू कर दी है।