जन आरोग्य योजना एक स्वास्थ्य बीमा योजना है। इस योजना में 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध होगा। यानी प्रत्येक परिवार के सदस्य को हर साल पांच लाख रुपये तक बिमारियों के इलाज के लिए सहायता दिया जाएगा। इस योजना को दुनिया का सबसे बड़ा योजना बताया जा रहा है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती यानी 25 सितंबर से यह योजना देश के सभी राज्यों के 445 जिलों में पूरी तरह लागू हो जाएगी।
किसके लिए है यह योजना
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए परिवारों का चयन सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना के आधार पर किया गया है। यह योजना का लाभ उठाने के लिए गांव और शहर लोगों के पास अलग-अलग योग्यताएं होनी चाहिए। ग्रामीण इलाकों जिनके पास कच्चा मकान, परिवार में मुखिया महिला हो, परिवार में कोई दिव्यांग हो, अुनसूचित जाति/जनजाति का हो। ऐसे लोग इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
वहीं, शहरी इलाके में भिखारी, कूड़ा बीनने वाले, मोची, फेरी वारे मजदूर, कुली और भार ढोने वाले व्यक्ति इस योजना के योग्यता में शामिल होंगे।
सरकार करेगी परिवारों का चयन
जन आरोग्य जोना में परिवारों का चयन सरकार करेगी। इसके लिए केंद्र सरकार सभी राज्य सरकार और इलाके की अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ योग्य परिवार की जानकारी साझा करेगी। उसके बाद इन परिवारों को एक फैमिली आइडेंटिफिकेशन नंबर मिलेगा। योजना को संचालित करने वाली नैशनल हेल्थ एजेंसी (NHA) की वेबसाइट mera.pmjay.gov.in पर जाकर यह जान सकते हैं कि इस योजना में आपके परिवार इस योजना के लिए चुना गया है या नहीं।
किस अस्पताल में होगा इलाज
सभी सरकारी अस्पताल में लाभार्थी इलाज करा सकते हैं। साथ ही उन प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज होगा जो सरकार ने जारी किया है।
राज्य और केंद्र दोनों उठाएंगे खर्चा
योजना पर होने वाले खर्च को केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर उठाएंगी। इस योजना में आने वाले खर्च को केंद्र सरकार 60 प्रतिशत वहन करेगी और वहीं राज्य सरकारें 40 प्रतिशत खर्च करेगी। का है।
अन्य स्वास्थ्य बीमा से कैसे अलग जन आरोग्य योजना
जन स्वास्थ्य बीमा में अन्य स्वास्थ बीमा की तरह प्रीमियम नहीं भरना होगा। यानी किसी भी बीमा की शुरुआत के लिए प्रीमियम के रूप में सालाना कुछ धनराशि जमा करनी पड़ती है। लेकिन इस जन आरोग्य योजना में लोगों को किसी भी तरह के प्रीमियम नहीं भरना होगा।