पीएम मोदी ने कहा- फोकस वैक्सीन पर नहीं टेस्टिंग पर कीजिए, 11 से 14 अप्रैल के बीच टीका उत्सव मनाएं और वैक्सीन की बर्बादी रोकें
By एसके गुप्ता | Published: April 8, 2021 09:21 PM2021-04-08T21:21:51+5:302021-04-08T21:23:36+5:30
प्रधानमंत्री ने कोविड उपयुक्त व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए राज्यों में सर्वदलीय बैठक बुलाने का सुझाव दिया, जिसमें राज्यपाल, मशहूर हस्तियों एवं अन्य सम्मानित लोगों को शामिल किया जाए।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथवर्चुअल मीटिंग में कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पहले की अपेक्षा हमारे पास बेहतर अनुभव और ट्रीटमेंट के संसाधन हैं। प्रशिक्षित डॉक्टर, मास्क और पीपीईटी किट हैं।
पहले हमारे पास सिवाय लॉकडाउन के कोई और मार्ग नहीं था। आज हमारे पास संसाधन हैं। हमें अपना बल छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन बनाकर टेस्टिंग और ट्रीटमेंट पॉलिसी पर काम करना होगा। अच्छा होगा कि रात्रि कर्फ्यू को कोरोना कर्फ्यू के नाम से प्रचारित करें। माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर बल दीजिए इससे अच्छे परिणाम मिलेंगे। सरकार को ज्यादा काम और मेहनत करनी पड़ेगी।
लेकिन यही मेहनत रंग लाएगी। जागरूकता के लिए नौजवान पीढ़ी और सिलेब्रेटिज को आगे आना चाहिए। उन्होंने एक बार फिर दोहराए दवाई भी और कड़ाई भी।पीएम मोदी ने कहा कि हमारा ध्यान टेस्टिंग को छोड़कर वैक्सीन पर आ गया है। पिछली बार हमने कोविड़ का आंकड़ा 10 लाख से सवा लाख पर ला दिया। आज संसाधन और अनुभव ज्यादा है इसलिए इस पीक को तेजी से नीचे ला सकते हैं।
Once again we need to raise awareness about the importance of wearing a mask and following COVID19 safety protocols: Prime Minister Narendra Modi, in meeting with CMs pic.twitter.com/UtKnFZIW0R
— ANI (@ANI) April 8, 2021
अनुभव कहता है कि टेस्ट, ट्रैक और ट्रीटमेंट के साथ कोविड बिहेवियर पर बल देना है। इन दिनों कोरोना में हल्के फुल्के जुकाम में लोग पहले की तरह जिंदगी जी रहे हैं, जिससे पूरा का पूरा परिवार चपेट में आ जाता है। ऐसे में प्री कोविड टेस्टिंग जरूरी है। हम जितनी चर्चा अभी वैक्सीन की करते हैं उतनी ज्यादा चर्चा टेस्टिंग की करनी होगी।
During our discussion, we raised the issue of mortality rate, we have to make sure it remains as low as possible. We should have comprehensive data about patients illnesses etc. this will help save their lives: PM Modi to CMs pic.twitter.com/kXl8AcMyXn
— ANI (@ANI) April 8, 2021
उन्होंने कहा कि हमें राजनीति नहीं करनी है। देश सेवा का मौका मिला है। सभी मुख्यमंत्री अपने राज्यों की परिस्थितयों को बदलने के लिए आगे आएंगे और देखते ही देखते सब ठीक हो जाएगा। टेस्टिंग और ट्रैकिंग की बहुत जरूरी है। टेस्टिंग को इतना बढ़ाना है कि पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से कम लाना है। एक समय ऐसा था कि राज्यों में टेस्टिंग की होड मच गई थी।
मैं आज भी कह रहा हूं कि संख्या ज्यादा होने पर पॉजिटिव टेस्ट ज्यादा आते हैं थोड़े दिन आलोचना सहनी पड़ेगी। लेकिन इस चुनौती से निकलने का रास्ता वही है। तभी उपाय हो पाएगा। हमारा टारगेट हर राज्य में 70 फीसदी आरटीपीसीआर टेस्ट करने की है। इसमें भी गहरे सैंपल लेने की जरूरत है। तभी सही रिजल्ट आएगा।
I appeal to you all to stress on COVID19 testing. Our target is to do 70% RT-PCR tests. Let the number of positive cases come high, but do maximum testing. Proper sample collection is very important, it can be checked through proper governance: PM Modi during meeting with CMs pic.twitter.com/Ml35BVLY3q
— ANI (@ANI) April 8, 2021
पॉजिटिव टेस्ट ज्यादा आने पर राज्य घबराएं नहीं, प्रोपर टेस्ट और सैंपलिंग से ही उपचार संभव है। कुछ राज्यों को इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने की आवश्यकता होगी। लेकिन यह जितना जल्द होगा उतना अच्छा है। कंटेनमेंट जोन में टेस्टिंग की बहुत जरूरत है। कंटेनमेंट जोन में एक भी व्यक्ति बिना टेस्टिंग नहीं रहना चाहिए। तभी सफलता मिलेगी।
एक व्यक्ति की खबर आए तो उसके संपर्क में आने वाले 30 व्यक्ति की टेस्टिंग जरूरी है। कंटेनमेंट जोन में एसओपी का जहां प्रभावी पालन हो रहा है, वहां सफलता मिल रही है। मोडार्बिलिटी रेट पर भी ध्यान देने की जरूरत है। छोटी-मोटी बीमारी को लोग गंभीरता से नहीं लेते, बीमारी बिगड़ने पर हालत गंभीर हो जाती है। बीमारी की सही जानकारी होने पर ही सही ट्रीटमेंट मिल पाता है।
COVID19 tracing and tracking is the way to curb the spread of COVID19 infection: PM Modi during a meeting with CMs pic.twitter.com/LS5i7cvGhC
— ANI (@ANI) April 8, 2021
एक दिन में हम 40 लाख वैक्सीनेशन के आंकड़ों को पार कर चुके हैं। दुनिया के जो समृद्ध देश हैं, उन्होंने जो वैक्सीनेशन के नियम तय किए हैं भारत उससे अलग नहीं है। वैक्सीन के डेवल्पमेंट और मैन्युफैक्चरिंग को लेकर चर्चा हो रही हैं। जो हमारे पास उपलब्ध है उसका ही सही प्रबंधन करना होगा। वैक्सीन की बर्बादी को रोकना भी बड़ी जिम्मेदारी है।
45 साल से ऊपर वाले सभी लोगों को वैक्सीन लगवाकर शतप्रतिशत परिणाम तक पहुंचिए। उन्होंने राज्यों से अपील की कि हम 11 अप्रैल से 14 अप्रैल तक ज्योतिबा फूले और आंबेडकर जयंती पर क्यों न टीका उत्सव मनाएं। इसमें हम जीरो वैक्सीनेशन वेस्टेज का प्रण लें। यह प्रण वातावरण बदलने में काम आएगा।
We need to fight the second surge in cases. Many states including Maharashtra, Gujarat, Chhattisgarh, Punjab have crossed first wave of peak in COVID19 cases. This is a serious concern. People have become complacent. In most States administration has also become relaxed: PM pic.twitter.com/vsZuxRFgRt
— ANI (@ANI) April 8, 2021
इस टीका उत्सव में ज्यादा से ज्यादा 45 साल से अधिक आयु के लोग वैक्सीन लगवाएं। इस कार्य में नौजवान और सेलिब्रेटिज आगे आएं। मास्क पहनें और प्रोटोकॉल का पालन करें और जो लोग डिजिटल युग में तकनीक का उपयोग करने में असमर्थ हैं उनकी लोग आगे बढ़कर मदद करें।