जम्मू कश्मीर के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को बैठक हुई। करीब साढ़े तीन घंटे तक चली बैठक में कई विषयों पर मंथन किया गया। जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी ने कहा कि यह बैठक बहुत ही अच्छे माहौल में हुई।
बुखारी ने कहा कि पीएम मोदी ने सभी नेताओं के मुद्दों को सुना। बुखारी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि परिसीमन की प्रक्रिया खत्म होने के बाद जम्मू कश्मीर में चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमने बैठक में पांच मांगे रखीं। जिनमें जम्मू कश्मीर को राज्य का जल्द दर्जा देने, लोकतंत्र बहाली के लिए विधानसभा चुनाव कराने, कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास, सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा करने की मांगें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री ने हमें आश्वस्त किया है कि हम जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आजाद ने कहा कि सभी नेताओं ने पूर्ण राज्य की मांग की है।
पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन ने दोहराया कि बैठक सौहार्दपूर्ण तरीके से हुई। उन्होंने कहा कि हम काफी सकारात्मकता लेकर निकले हैं और उम्मीद है कि जम्मू कश्मीर के लोगां के लिए बहुत कुछ होगा।
बैठक में जम्मू कश्मीर के ये नेता रहे शामिल
जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर हुई। इस बैठक में आठ दलों के 14 नेता आमंत्रित किए गए थे। इन नेताओं में नेशनल कॉन्फ्रेंस के संरक्षक फारूख अब्दुल्ला, उनके पुत्र व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद प्रमुख थे। भाजपा की ओर से बैठक में शामिल होने के लिए जम्मू एवं कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींद्र रैना, पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता और निर्मल सिंह भी बैठक में शामिल हुए।
गृहमंत्री अमित शाह भी बैठक में मौजूद रहे
बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह सहित पीएमओ और केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद यह पहली ऐसी बैठक थी, जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री मोदी ने की।
परिसीमन की कवायद
यह बैठक ऐसे समय में हुई जब एक दिन पहले ही परिसीमन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जम्मू-कश्मीर के सभी उपायुक्तों के साथ मौजूदा विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्गठन और सात नयी सीटें बनाने पर विचार-विमर्श किया था। परिसीमन की कवायद के बाद जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो जाएगी। ज्ञात हो कि पांच अगस्त 2019 को जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था और राज्य को जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था।
नड्डा से मिले भाजपा नेता
पीएम के साथ बैठक से पहले, केंद्र शासित प्रदेश के भाजपा नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक कर अपनी रणनीति पर चर्चा की। पार्टी मुख्यालय में हुई इस बैठक में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, जम्मू एवं कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रवींद्र रैना, पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता और निर्मल सिंह शामिल हुए। सूत्रों के मुताबिक, सर्वदलीय बैठक में पार्टी की रणनीति क्या रहेगी, इस मुद्दे पर नड्डा ने भाजपा नेताओं से चर्चा की।