जम्मू ड्रोन हमले के बाद पीएम मोदी की उच्चस्तरीय बैठक, अमित शाह और राजनाथ सिंह के साथ अजीत डोभाल भी रहे मौजूद
By अभिषेक पारीक | Updated: June 29, 2021 21:01 IST2021-06-29T18:33:19+5:302021-06-29T21:01:16+5:30
जम्मू वायुसेना बेस पर ड्रोन हमले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के के आधिकारिक आवास पर उच्चस्तरीय बैठक हुई। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (फाइल फोटो )
जम्मू वायुसेना बेस पर ड्रोन हमले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक आवास पर उच्चस्तरीय बैठक हुई। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद रहे। बैठक में जम्मू हमले के बाद सामने आई स्थितियों को लेकर करीब दो घंटे तक मंथन किया गया।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मीटिंग में रक्षा क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा की गई। साथ ही बैठक में सुरक्षा बलों को आधुनिक उपकरणों से लैस करने को लेकर भी काफी देर तक बातचीत की गई।
PM holds high-level meeting with Defence Minister Rajnath Singh, Union Home Minister Amit Shah and NSA Ajit Doval, discussions held on futuristic challenges in the defence sector & equipping our forces with modern equipment: Sources
— ANI (@ANI) June 29, 2021
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जम्मू के वायुसेना बेस पर ड्रोन हमला और उसके बाद अन्य जगहों पर भी ड्रोन देखे गए थे। साथ ही सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू से विस्फोटक बरामद किया था और आतंकियों को गिरफ्तार करने में भी सफलता हासिल की थी। हालांकि यह बताता है कि आतंकवादी फिर से सक्रिय हो रहे हैं और एक बार फिर वे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की फिराक में हैं। जिसने सुरक्षा एजेंसियों के सामने चुनौती खड़ी कर दी है।
दूसरी ओर आतंकियों ने जम्मू वायुसेना बेस पर जो हमला किया है, वह पहला ड्रोन हमला माना जा रहा है। इसे लेकर भी माना जा रहा है कि आतंकवादी अब बड़े पैमाने पर ऐसे हमले कर सकते हैं। साथ ही यह उनके तकनीक की ओर शिफ्ट होने का भी संकेत है।
संयुक्त राष्ट्र में उठाया मामला
भारत ने जम्मू के एयरबेस पर हमले का मामला संयुक्त राष्ट्र में भी उठाया है। भारत ने कहा कि सामरिक और वाणिज्यिक संपत्तियों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की संभावना को वैश्विक समुदाय को गंभीरता से लेने की जरूरत है।