वकीलों के परिसरों में तलाशी, जब्ती कार्रवाई का नियमन करने के लिए याचिका

By भाषा | Published: July 28, 2021 03:09 PM2021-07-28T15:09:25+5:302021-07-28T15:09:25+5:30

Petition to regulate search, seizure proceedings in lawyers' premises | वकीलों के परिसरों में तलाशी, जब्ती कार्रवाई का नियमन करने के लिए याचिका

वकीलों के परिसरों में तलाशी, जब्ती कार्रवाई का नियमन करने के लिए याचिका

नयी दिल्ली, 28 जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय में बुधवार को एक याचिका दाखिल कर किसी वकील के परिसर में तलाशी और जब्ती अभियान चलाते समय जांच एजेंसियों द्वारा पालन किए जाने के लिए अनिवार्य दिशा-निर्देश बनाने का अनुरोध किया गया है।

केंद्र ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ने जांच एजेंसियों को याचिका में पक्षकार नहीं बनाया है और उस वकील के नाम का खुलासा नहीं किया है जिसके परिसर में तलाश की कार्रवाई गई थी।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र से याचिका पर संक्षिप्त जवाब दाखिल करने को कहा और स्पष्ट किया कि फिलहाल वह इस चरण में याचिका पर नोटिस जारी नहीं कर रही है। अदालत मामले पर तीन सितंबर को सुनवाई करेगी।

वकील-याचिकाकर्ता निखिल बोरवणकर ने वकीलों के परिसरों में तलाश कार्रवाई के दौरान प्रक्रिया और दिशा-निर्देश तैयार करने का अनुरोध किया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वकील-मुवक्किल की गोपनीय सूचनाएं और उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा हो।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा और अधिवक्ता अजय दिगपॉल ने कहा कि केंद्र इस याचिका का विरोध करता है। उन्होंने अनुरोध किया कि अदालत उन्हें सुने बिना नोटिस जारी नहीं करे। उन्होंने कहा, ‘‘वह कौन वकील हैं (जिनके परिसर में तलाश कार्रवाई की गई)...इसका खुलासा किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता के साथ इस वकील का क्या संबंध है, इसका खुलासा किया जाना चाहिए।’’

याचिकाकर्ता ने कहा कि याचिका ऐसे समय में दाखिल की गई है जब विवादास्पद मामलों में आरोपी व्यक्तियों और पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करने वाले कुछ अधिवक्ताओं के खिलाफ हाल में की गई तलाशी कार्रवाई के संबंध में अधिवक्ताओं और कानून लागू करने वाली एजेंसियों के बीच गहरे अविश्वास और कटुता का माहौल है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने पैरवी की।

याचिका में दावा किया गया है कि इस तरह की कार्रवाई से लोगों को जानबूझकर निशाना बनाने की धारणा बनती है और बिना पक्षपात के न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में कानून और व्यवस्था तंत्र की क्षमता प्रभावित होती है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Petition to regulate search, seizure proceedings in lawyers' premises

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे