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साइबर ठगी के मामले में उत्तर प्रदेश से व्यक्ति गिरफ्तार

By भाषा | Updated: July 13, 2021 19:26 IST

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नयी दिल्ली, 13 जुलाई दिल्ली पुलिस ने पुराना सामान बेचने वाली साइट पर फर्नीचर खरीदने के बहाने लोगों को ठगने के आरोप में उत्तर प्रदेश के 34 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी धोखाधड़ी वाले तरीकों से विक्रेता के खाते से ही पैसे काटवा लिया करता था।

पुलिस ने मंगलवार को बताया कि उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का रहने वाला आरोपी पंकज वर्मा ओएलएक्स विक्रेताओं को उनका सामान खरीदने के लिए फोन करता और सौदा पक्का होने पर उनके नंबरों पर एक ऐसा लिंक भेजता जिससे विक्रेता के पेटीएम से जुड़े खातों से पैसे कट जाते।

पुलिस ने कहा कि मामला नवंबर 2019 में तब सामने आया जब मयंक सिन्हा ने केशव पुरम थाने में शिकायत देकर आरोप लगाया कि उनके सहयोगी राजीव बोडवाडे अपना फर्नीचर बेचना चाहते थे और उन्होंने ओएलएक्स पर एक विज्ञापन डाला था।

सिन्हा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि उनके सहयोगी को विज्ञापन के आधार पर एक अनजान व्यक्ति का फोन आया जिसने फर्नीचर खरीदने में दिलचस्पी दिखाई और ऑनलाइन भुगतान के लिए व्हाट्सएप पर एक लिंक भेजा।

उन्होंने कहा कि बोडवाडे के पास पेटीएम खाता नहीं था, तो सिन्हा ने अपने पेटीएम खाते के माध्यम से लिंक पर क्लिक किया तो उनके एसबीआई बैंक खाते से 19,358 रुपये कट गए जो पेटीएम से जुड़ा हुआ था।

उत्तर पश्चिम दिल्ली की पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) उषा रंगनानी ने कहा कि जांच के दौरान विशिष्ट साइबर विश्लेषण और स्थानीय खुफिया जानकारी के माध्यम से कथित मोबाइल नंबर के उपयोगकर्ता पंकज वर्मा को उसके गृहनगर अलीगढ़ से पकड़ा लिया गया।

उन्होंने कहा कि उसके पास से एक यूएसबी पेन ड्राइव बरामद हुई है, जिसमें 50 फर्जी आधार कार्ड मिले। उन्होंने कहा कि इन सभी आधार कार्डों पर अलग-अलग नाम और पते हैं लेकिन सभी कार्डों पर वर्मा की तस्वीरें हैं।

पुलिस ने उसके कब्जे से 52 फर्जी सिम कार्ड बरामद किए हैं और पता चला है कि वह अपने मोबाइल फोन पर एक साथ 15 फर्जी पेटीएम खातों का इस्तेमाल कर रहा था।

जांच में पता चला है कि वर्मा ने 2008 से 2017 तक एक दूरसंचार कंपनी में बिक्री प्रतिनिधि के रूप में काम किया, जहां उसने नए सिम कार्ड सक्रिय करना सीखा।

अधिकारी ने बताया कि इसके बाद, उसने आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, सामुदायिक प्रमाण पत्र और अन्य प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज बनाने वाला केंद्र खोला।

रंगनानी ने बताया, “ वह ग्राहकों द्वारा जमा कराए गए दस्तावेजों की अतिरिक्त प्रतियां बना लेता और इससे उसने 500 से अधिक फर्जी आधार कार्ड बनाए ताकि अपनी पहचान छुपाने के लिए सिम कार्ड ले सके। वह पश्चिम बंगाल और मेवात क्षेत्र में अन्य ठगों को भी फर्जी सिम बेचता था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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