बाड़मेर रिफाइनरी शुरू होने का लंबे समय से आमजन कर रहा इंतजार, लेकिन BJP-कांग्रेस मची श्रेय लेने की होड़
By भाषा | Updated: December 2, 2018 15:47 IST2018-12-02T15:47:47+5:302018-12-02T15:47:47+5:30
प्रस्तावित रिफाइनरी स्थल के निकट के स्थान पचपदरा के सरपंच विजय सिंह राठौर का कहना है कि स्थानीय जनता उस दिन का इंतजार कर रही है जब यह रिफाइनरी शुरू होगी और क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी।

बाड़मेर रिफाइनरी शुरू होने का लंबे समय से आमजन कर रहा इंतजार, लेकिन BJP-कांग्रेस मची श्रेय लेने की होड़
राजस्थान के बाड़मेर जिले में रिफाइनरी विधिवत रूप से शुरू होने का स्थानीय लोगों का सपना साकार होने में अभी समय है, लेकिन भाजपा और कांग्रेस चुनावी मौसम में इसका श्रेय लेने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। एक ओर जहां स्थानीय लोगों का कहना है कि अभी इस बहुप्रतीक्षित रिफाइनरी के शुरू होने के लिए लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है, वहीं दूसरी ओर, इसके कार्य में 'विलंब' के लिए दोनों प्रमुख पार्टियां एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रही हैं।
कांग्रेस ने तो यह चुनावी वादा किया है कि राजस्थान में सरकार बनने के बाद इस परियोजना के काम को तेज किया जाएगा। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल जनवरी में रिफाइनरी के कार्य का शुभारंभ किया था। इससे पहले 2013 के विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी की सरकार रहने के दौरान इस रिफाइनरी का शिलान्यास किया था।
प्रस्तावित रिफाइनरी स्थल के निकट के स्थान पचपदरा के सरपंच विजय सिंह राठौर का कहना है कि स्थानीय जनता उस दिन का इंतजार कर रही है जब यह रिफाइनरी शुरू होगी और क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी।
राठौर ने कहा, 'रिफाइनरी परियोजना से क्षेत्र के विकास में तेजी आएगी, लेकिन इसमें विलंब दुखद है। प्रधानमंत्री द्वारा इसका कार्य का शुभारंभ करने के बाद, आशा है कि रिफाइनरी का काम जल्द पूरा हो जाएगा।'
सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी एस एन श्रीवास्तव कहते हैं, 'इस रिफाइनरी के बारे में सुनते हुए कई साल बीत गए। अब तो लोगों में इसको लेकर पहले की तरह उत्सुकता भी नहीं रही। इतने वर्षों के बाद सिर्फ बाउंड्री बनी है।'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बाड़मेर से पूर्व सांसद हरीश चौधरी का आरोप है कि भाजपा उस परियोजना का श्रेय लेने की कोशिश कर रही है जबकि कांग्रेस की सरकार के दौरान ही इसकी शुरुआत हो गई थी।
उन्होंने कहा, 'रिफाइनरी परियोजना का सोनिया गांधी ने 2013 में शिलान्यास किया था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने फिर से इसका शिलान्यास कर दिया। जबकि सच्चाई यह है कि भाजपा सरकार ने इसे पूरा करने की दिशा में कुछ नहीं किया।'
उन्होंने कहा, 'राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही इस परियोजना का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा।' पूर्व की कांग्रेस सरकार पर परियोजना में 'विलंब' करने का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार के मंत्री अमरा राम चौधरी ने कहा, 'कांग्रेस अपनी हर विफलता का ठीकरा भाजपा पर फोड़ना चाहती है। हमारी सरकार इस पर तेजी से काम कर रही है और 2022 में इस रिफाइनरी का काम पूरा हो जाएगा।'
उन्होंने कहा, 'क्षेत्र की जनता जान रही है कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की वजह से इस परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है। कांग्रेस झूठा श्रेय लेने में सफल नहीं हो सकती।'
गौरतलब है कि कुल 56 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली इस प्रस्तावित रिफाइनरी की क्षमता सालाना 90 लाख टन कच्चा तेल रिफाइन करने की होगी। रिफाइनरी का निर्माण एचपीसीएल और राजस्थान सरकार करवा रही है। राज्य सरकार के अनुसार, रिफाइनरी से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।