J&K: PDP ने सरकार बनाने का दावा किया पेश, तो राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भंग की विधानसभा

By सुरेश डुग्गर | Published: November 21, 2018 08:56 PM2018-11-21T20:56:13+5:302018-11-21T21:07:50+5:30

पीडीपी ने राज्यपाल ऑफिस में फैक्स भेजा है, इस फैक्स में 56 विधायकों के समर्थन का दावा किया गया है। राज्य में सरकार बनाने की भाजपा की कोशिशों को झटका देते हुए पीडीपी और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाने का फैसला किया है। वहीं उमर अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस इस महागठबंधन को बाहर से समर्थन दे रही है।

PDP Mehbooba Mufti writes to Governor to stake the claim for forming govt in jammu kashmir | J&K: PDP ने सरकार बनाने का दावा किया पेश, तो राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भंग की विधानसभा

J&K: PDP ने सरकार बनाने का दावा किया पेश, तो राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भंग की विधानसभा

देर शाम पीडीपी ने कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के सहयोग से जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था, जिसके बाद अचानक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा को भंग कर दिया। अब सूबे में नए सिरे से चुनाव कराए जाएंगी। बताया जा रहा था कि केंद्र के इशारे पर राज्यपाल ऐसा निर्णय ले सकते हैं।

इससे पहले पीडीपी ने राज्यपाल ऑफिस में फैक्स भेजा था, इस फैक्स में 56 विधायकों के समर्थन का दावा किया गया था। राज्य में सरकार बनाने की भाजपा की कोशिशों को झटका देते हुए पीडीपी और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाने का फैसला किया था। वहीं, उमर अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस इस महागठबंधन को बाहर से समर्थन दे रही थी।

इससे पहले दिन में खबर आई थी कि पीडीपी नेता अल्ताफ बुखारी को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। जम्मू कश्मीर में नई सरकार के गठन को लेकर महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), उमर अबदुल्ला की अध्यक्षता वाली नेश्नल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस साथ आ रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य की सियासत में धुर विरोधी मानी जाने वाली एनसी और पीडीपी ने भाजपा को रोकने के लिए साथ आने का फैसला किया था।

पीडीपी के पास 28 विधायक हैं जबकि नेशनल कांफ्रेंस के पास 15 और कांग्रेस के 12 विधायक हैं। तीनों पार्टियों के पास कुल मिलाकर 55 विधायक हैं जो कि बहुमत के आंकड़े से काफी ज्यादा थे। 

बता दें कि जम्मू कश्मीर विधानसभा में कुल 89 सीटें हैं। मार्च 2015 में पीडीपी और भाजपा की गठबंधन सरकार बनी थी। तब मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद बने थे, उनके निधन के बाद महबूबा मुफ्ती सीएम बनीं थीं।

इस साल 16 जून को पीडीपी-भाजपा गठबंधन से भाजपा अलग हो गई थी। जिसके बाद से यहां राज्यपाल शासन लगा हुआ है। 19 दिसंबर को राज्यपाल शासन के छह महीने पूरे हो जाएंगे। इसे और अधिक बढ़ाया नहीं जा सकता है। 19 दिसंबर तक यदि कोई पार्टी सरकार बनाने पर सहमत नहीं होती है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लाया जा सकता है।

बुधवार को बैठक के बाद अल्ताफ बुखारी ने कहा था कि यह पक्का हो चुका है कि तीनों पार्टियां (कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस) गठबंधन करके राज्य की खास पहचान को बचाए रखने का प्रयास करेंगी और बहुत जल्द आपको अच्छी खबर मिलेगी।

सूत्रों के मुताबिक भाजपा द्वारा पीडीपी के विधायकों को तोड़ने की कोशिशों को देखते हुए यह कदम उठाया गया था। बीजेपी तोड़े गए विधायकों की मदद से अपने सहयोगी सज्जाद लोन की पार्टी पीपुल्स कांफ्रेंस के नेतृत्व में सरकार बनाने की कोशिशें कर रही थी।

इससे पहले जम्मू कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को दोबारा सत्तासीन होने से रोकने के लिए कांग्रेस आला कमान ने कथित तौर पर नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) व पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ गठजोड़ में सरकार बनाने के सुझाव पर अपनी सहमति की मुहर लगा दी थी।

Web Title: PDP Mehbooba Mufti writes to Governor to stake the claim for forming govt in jammu kashmir

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