फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति, हाईकोर्ट सख्त, 9 जनवरी तक मांगा जवाब, वकील ने कहा- लाखों में ऐसे फर्जी टीचर
By एस पी सिन्हा | Updated: December 12, 2020 12:51 IST2020-12-12T12:50:11+5:302020-12-12T12:51:59+5:30
बिहार में फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नियुक्त शिक्षकों पर गाज गिरनी तय है. पटना हाइकोर्ट ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर विभिन्न विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों की खबर ली है.

राज्य के स्कूलों में बडे़ पैमाने पर फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षक नौकरी कर रहे हैं.
पटनाः बिहार में फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर स्कूलों में शिक्षक पढ़ा रहे हैं. इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने राज्य के स्कूलों में कथित तौर पर बडे़ पैमाने पर फर्जी डिग्रियों के आधार पर सेवा में बने शिक्षकों के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से आगामी 9 जनवरी तक जवाब देने का निर्देश दिया है.
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने रंजीत पंडित की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जवाब देने के लिए राज्य सरकार को यह आखिरी मोहलत दी गई है।. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने अदालत को बताया कि राज्य के स्कूलों में बडे़ पैमाने पर फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षक नौकरी कर रहे हैं.
उन्होंने कोर्ट को बताया कि ऐसे शिक्षकों की संख्या लाख में है. निगरानी विभाग की ओर से कहा गया कि ऐसे अवैध रूप से सरकारी सेवा में बने शिक्षकों के मामले की जांच में बाधा का सामना करना पड रहा है. निगगानी विभाग की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि अभी तक उन शिक्षकों का फोल्डर भी पूरे तौर पर उपलब्ध नहीं कराया गया है.
इस मामले पर अगली सुनवाई आगामी 9 जनवरी को की जाएगी. अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि ऐसे शिक्षकों की संख्या 110400 है, जिनके फोल्डर निगरानी को उपलब्ध नहीं कराए गए हैं. इस मामले की जांच लंबे समय से चल रही है.