पासपोर्ट विभाग ने मेधा पाटकर के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिये विदेश मंत्रालय की अनुमति मांगी
By भाषा | Updated: January 2, 2020 20:02 IST2020-01-02T20:02:29+5:302020-01-02T20:02:29+5:30
पासपोर्ट कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि विभाग ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर 2017 में पासपोर्ट आवेदन करते समय अपने खिलाफ कई लंबित मामलों का विवरण छिपाने के लिए पाटकर के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की इजाजत मांगी है।

इस अधिनियम के तहत अधिकतम दंड दो साल का कठोर कारावास या पांच हजार रुपये जुर्माना अथवा दोनों हैं।
मुंबई के पासपोर्ट कार्यालय ने पासपोर्ट आवेदन में आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं करने के संबंध में नर्मदा बचाओ आंदोलन कार्यकर्ता मेधा पाटकर पर मुकदमा चलाने के लिये विदेश मंत्रालय की अनुमति मांगी है।
पासपोर्ट कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि विभाग ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर 2017 में पासपोर्ट आवेदन करते समय अपने खिलाफ कई लंबित मामलों का विवरण छिपाने के लिए पाटकर के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की इजाजत मांगी है।
अधिकारियों ने कहा कि पाटकर को सफाई देने के लिये नोटिस जारी किया गया था, जिसके बाद नौ दिसंबर को उन्होंने अपना पासपोर्ट जमा करा दिया, जिसके बाद उनका पासपोर्ट स्वत: ही जब्त हो गया। हालांकि, पासपोर्ट जमा कराने के बाद भी वह मुकदमे से नहीं बच सकतीं। विदेश मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद आरपीओ उनके खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम के तहत आपराधिक मामला दर्ज करेगा।
इस अधिनियम के तहत अधिकतम दंड दो साल का कठोर कारावास या पांच हजार रुपये जुर्माना अथवा दोनों हैं। जून 2019 में एक पत्रकार ने पाटकर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि पाटकर ने आरपीओ मुंबई से तथ्यात्मक सामग्री छिपाकर पासपोर्ट हासिल किया था।
शिकायतकर्ता ने दस्तावेजी सबूत पेश करते हुए मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में उनके खिलाफ लंबित नौ आपराधिक मामलों का विवरण दिया था। पाटकर ने 30 मार्च, 2017 के अपने पासपोर्ट आवेदन में दावा किया था कि उनके खिलाफ कोई भी आपराधिक मामला लंबित नहीं है।