रोज हंगामा, 30 दिन और केवल 37 घंटे काम?, 21 जुलाई से शुरू और 21 अगस्त को खत्म, 14 सरकारी विधेयक पेश और 12 विधेयक पारित, लोकसभा की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 21, 2025 13:07 IST2025-08-21T13:05:37+5:302025-08-21T13:07:29+5:30

Parliament Monsoon Session: अठारहवीं लोकसभा के पांचवें सत्र की शुरुआत 21 जुलाई को हुई थी जिसमें 14 सरकारी विधेयक पेश किए गए और 12 विधेयक पारित किए गए।

Parliament Monsoon Session Daily 30 days only 37 hours work Started 21st July ended 21st August 14 government bills introduced 12 bills passed Lok Sabha adjourned | रोज हंगामा, 30 दिन और केवल 37 घंटे काम?, 21 जुलाई से शुरू और 21 अगस्त को खत्म, 14 सरकारी विधेयक पेश और 12 विधेयक पारित, लोकसभा की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

file photo

Highlightsराष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 और राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग (संशोधन) विधेयक 2025 शामिल हैं। विनियमन विधेयक, 2025 भी हंगामे के बीच लोकसभा में पारित किए गए।सदन में लगातार नारेबाजी की जिससे कामकाज प्रभावित हुआ।

नई दिल्लीः लोकसभा की बैठक बृहस्पतिवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई जिसमें 12 विधेयकों को बिना चर्चा के या संक्षिप्त चर्चा के साथ पारित किया गया। लोकसभा अध्यक्ष ने मानसून सत्र में कार्यवाही में गतिरोध बनाए रखने पर विपक्षी दलों के प्रति निराशा प्रकट करते हुए कहा कि नियोजित तरीके से सदन के कामकाज में व्यवधान पैदा किया गया जो लोकतंत्र और सदन की मर्यादा के अनुरूप नहीं है। अठारहवीं लोकसभा के पांचवें सत्र की शुरुआत 21 जुलाई को हुई थी जिसमें 14 सरकारी विधेयक पेश किए गए और 12 विधेयक पारित किए गए।

इनमें अनुसूचित जनजातियों के विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्समायोजन से संबंधित गोवा विधेयक 2025, मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2025, मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025, मणिपुर विनियोग (संख्या 2) विधेयक 2025, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 और राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग (संशोधन) विधेयक 2025 शामिल हैं।

इनके अलावा आयकर विधेयक 2025, कराधान कानून (संशोधन) विधेयक 2025, भारतीय बंदरगाह विधेयक 2025, खनिज और खनिज विकास (विनियमन और संशोधन) विधेयक 2025, भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक 2025 और ऑनलाइन खेल संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025 भी हंगामे के बीच लोकसभा में पारित किए गए।

लोकसभा ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार किए जाने और लगातार 30 दिन तक हिरासत में रहने पर पद से हटाए जाने के प्रावधान वाले ‘संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025’, ‘संघ राज्य क्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2025’ और ‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025’ को संसद की संयुक्त समिति को भेजने का निर्णय लिया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के काफी हंगामे के बीच इन्हें बुधवार को पेश किया था और दौरान सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक की स्थिति भी बनी। सत्र की शुरुआत से ही बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने सदन में लगातार नारेबाजी की जिससे कामकाज प्रभावित हुआ।

विपक्ष के शोर-शराबे के कारण कुछ विधेयक संक्षिप्त चर्चा के साथ और कुछ बिना चर्चा के ही पारित कर दिए गए। सदन में 28 और 29 जुलाई को ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा बिना किसी व्यवधान के पूरी हुई जिसका जवाब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिया। गत 18 अगस्त को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियों पर भी लोकसभा में एक विशेष चर्चा का आरंभ किया गया।

लेकिन इस पर केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ही अपने विचार रख सके और हंगामे के कारण यह आगे नहीं बढ़ सकी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि इस सत्र के लिए 419 तारांकित प्रश्न शामिल किए गए थे किंतु लगातार ‘‘नियोजित व्यवधान के कारण’’ 55 प्रश्नों का ही मौखिक उत्तर दिया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सबने प्रारंभ में तय किया था कि 120 घंटे चर्चा करेंगे। कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) में भी इस पर सहमति बनी थी, लेकिन (विपक्ष के) लगातार गतिरोध और नियोजित व्यवधान के कारण हम केवल 37 घंटे ही चर्चा कर पाए।’’ बिरला ने विपक्ष के प्रदर्शन के तरीके पर निराशा प्रकट करते हुए कहा, ‘‘ जन प्रतिनिधि के रूप में हमारे आचरण, हमारी कार्यप्रणाली को पूरा देश देखता है।

जनता हमें बहुत उम्मीदों के साथ चुनकर यहां भेजती है ताकि उनकी समस्याओं और व्यापक जनहित के मुद्दों, विधेयकों पर हम व्यापक चर्चा कर सकें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन पिछले कुछ दिन से मैं देख रहा हूं कि सार्थक परंपरा के अनुरूप चर्चा नहीं हो रही। जिस तरह सदन के अंदर और संसद परिसर में नारेबाजी हो रही है, जिस तरह तख्तियां लेकर सदस्य आते हैं। वह परंपरा नहीं है।

जिस तरह की भाषा का सदन में इस्तेमाल किया गया, वह सदन की मर्यादा के अनुरूप नहीं है।’’ लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हमें स्वस्थ परंपरा का पालन करना चाहिए, गरिमापूर्ण चर्चा करनी चाहिए। सहमति और असहमति स्वाभाविक प्रक्रिया है लेकिन सदन की गरिमा, मर्यादा और शालीनता को बनाए रखने का सामूहिक प्रयास होना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें प्रयास करना चाहिए कि अच्छी परपंराएं और परिपाटियों को लागू करें। इस पर हमें सामूहिक चिंतन करना चाहिए और सभी राजनीतिक दलों को आत्ममंथन करना चाहिए कि हम अपने आचरण को लेकर आदर्श स्थापित करें।’’

राष्ट्रगीत वंदे मातरम की धुन बजने के बाद सदन की बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इस दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई केंद्रीय मंत्री उपस्थित थे। सदन में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, पार्टी नेता केसी वेणुगोपाल आदि उपस्थित थे।

Web Title: Parliament Monsoon Session Daily 30 days only 37 hours work Started 21st July ended 21st August 14 government bills introduced 12 bills passed Lok Sabha adjourned

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे