तीन तलाक बिल पास होने तक जारी रहेगी संसद, रविशंकर प्रसाद ने कहा- ऐतिहासिक दिन है
By रामदीप मिश्रा | Published: December 28, 2017 06:33 PM2017-12-28T18:33:56+5:302017-12-28T18:41:21+5:30
तीन तलाक को आपराधिक करार देने वाला विधेयक गुरुवार को लोकसभा में पेश किया गया।
तीन तलाक को आपराधिक करार देने वाला विधेयक गुरुवार (28 दिसंबर) को लोकसभा में पेश किया गया। इस दौरान विधेयक पर चर्चा जारी है। लोकसभा में संसदीय सदस्य इस बिल को लेकर अपनी-अपनी राय दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस बिल को पास होने तक आज संसद की कार्यवाही जारी रहेगी।
विधेयक को संसद में पेश करने वाले कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसे ऐतिहासिक दिन बताया और कहा कि यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं के लिए लैंगिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए है। मुस्लिम महिला (विवाह अधिकारों का संरक्षण) विधेयक , 2017 तीन तलाक या मौखिक तलाक को आपराधिक घोषित करने वाले इस विधेयक को सत्ता पक्ष के सभी सदस्यों ने समर्थन किया है। बीजेपी ने इस विधेयक पर मतदान के लिए व्हिप जारी किया है। यानी पार्टी के सभी सांसदों को इस विधेयक पर मतदान करना ही होगा।
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विधेयक पर चर्चा के दौरान सदन में कहा कि जब बहुत से मुस्लिम देश इस पर प्रतिबंध लगा सकते हैं तो भारत क्यों नहीं? वहीं राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन (एआईएमआईएम), भारतीय यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), बीजू जनता दल के सदस्यों सहित कई अन्य पार्टियों ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2017 को पेश किए जाने का कड़ा ऐतराज जताया।
जिस दौरान विधेयक पेश किया जा रहा था उस समय कांग्रेस ने अपनी बात रखनी चाही लेकिन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने तर्क देते हुए कहा कि पहले से इस मुद्दे पर बोलने के लिए कांग्रेस ने नोटिस नहीं दिया जिसके चलते उनहें इजाजत नहीं दी गई।
'मुस्लिम महिला (विवाह अधिकारों का संरक्षण) विधेयक 2017', इसमें तलाक की इस प्रथा का इस्तेमाल करने वाले के खिलाफ अधिकतम तीन साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान है, साथ ही यह मुस्लिम महिलाओं को भरण-पोषण और बच्चे की निगरानी का अधिकार देता है।