गोरखधंधे का खुलासा: मुंबई में आवारा पिल्लों को रंग कर महंगी नस्ल बताकर बेचते थे, पुलिस ने किया भंडाफोड़
By भाषा | Published: July 16, 2019 04:10 AM2019-07-16T04:10:28+5:302019-07-16T04:10:28+5:30
मुंबई में एक गिरोह पशुप्रेमियों को ठगने का अनूठा पैंतरा अपना रहा है। दरअसल यह गिरोह आवारा कुत्तों के पिल्लों को रंग कर उन्हें कुत्तों की महंगी नस्ल बता कर बेच रहा है।
मुंबई, 15 जुलाईः मुंबई में एक गिरोह पशुप्रेमियों को ठगने का अनूठा पैंतरा अपना रहा है। दरअसल यह गिरोह आवारा कुत्तों के पिल्लों को रंग कर उन्हें कुत्तों की महंगी नस्ल बता कर बेच रहा है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में वर्ली पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज की गई है और इसे अपराध के तौर पर दर्ज किए जाने की प्रक्रिया जारी है। प
शु अधिकार कार्यकर्ताओं और कई एनजीओ को संदेह है कि यह किसी बड़े गिरोह का गोरखधंधा है। उन्होंने कहा कि आवारा पिल्लों को रंगने के बाद उन्हें ऊंचे दामों पर बेचे जाने की शिकायत दक्षिण मुंबई के क्रॉफोर्ड बाजार और शहर के कुछ अन्य हिस्सों से मिली है। यह मुद्दा पशु अधिकार कार्यकर्ता और बंबई पशु अधिकार नामक एनजीओ सामने लेकर आए हैं। एनजीओ को हाल में सूचना मिली थी कि गार्नियर जैसे बाल रंगने के प्रसिद्ध ब्रांडों से आवारा पिल्लों को डाई करने के बाद प्रत्येक को 18,000 से 20,000 रुपये में बेचा जा रहा है।
पशु अधिकारों पर काम करने वाले एक कार्यकर्ता ने बताया कि ये पिल्ले असल में हल्के पीले रंग के थे जिन्हें काले रंग में रंगकर कुत्तों की प्रसिद्ध एवं महंगी नस्ल ‘बीगल’ बता कर बेचा गया। उन्होंने बताया कि पिल्लों का कृत्रिम रंग आसानी से नहीं जाता और तीन से चार महीने बाद उनका रंग फीका पड़ने के बाद ही लोगों को ठगी का एहसास हो पाता है। पशु अधिकारों के लिए काम करने वाले मुंबई स्थित एनजीओ ने हाल में सांसद मेनका गांधी को इस संबंध में पत्र लिखा था।