'पैडमैन' के बाद मिलिए 'पैडकपल' से, किसी मिसाल से कम नहीं है इनकी कहानी
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: February 14, 2018 07:53 PM2018-02-14T19:53:59+5:302018-02-14T20:00:51+5:30
पैडमैन फिल्म तमिलनाडु के अरुणाचलम मुरुगनाथम की कहानी पर बनी है जिन्होंने सबसे सस्ता सैनेटरी पैड बनाया था। ऐसे में अब पैडमैन के बाद पैडकपल सामने आया है।
अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन हाल ही में पर्दे पर रिलीज हुई है, जिसको फैंस से जमकर सराहना भी मिली । फिल्म तमिलनाडु के अरुणाचलम मुरुगनाथम की कहानी पर बनी है जिन्होंने सबसे सस्ता सैनेटरी पैड बनाया था। ऐसे में अब पैडमैन के बाद पैडकपल सामने आया है। ये कपल भी किसी मिसाल से कम नहीं है। दरअसल सूरत में रहने वाले मीना और अतुल मेहता भी इस दिशा में सराहनीय काम किया है।
हर महीने 5000 सैनेटरी पैड बांटना
सूरत के पैडकपल मीना मेहता और अतुल मेहता की सैनेटरी की कहानी सभी के लिए मिसाल है। ये कपल हर महीनें सैंकड़ो सैनेटरी पैड को बांट रहा है। हर महीने ये कपल करीब 5000 पैड उन महिलाओं को देते हैं जिनको इसकी जरुरत होती है। ये उन महिलाओं और लड़कियों की पैड की उपयोगिता समझाते हैं और पैसे में असक्षम महिलाओं को ये पैड मुफ्त बांट रहे हैं। ये मेहता कपल हर महीने स्लम्स, निगम स्कूलों और आंगनवाड़ी में काम करने और पढ़ने वाली लड़कियों के बीच सैनिटरी पैड्स बांटने का काम करते हैं। अभी तक ये हजारों की संख्या में पैड जरुरतमंदों तक पहुंचा चुके हैं।
कहां से मिली पैड की प्रेरणा
इस तरह से पैड बांटने पर मीना का कहना है कि उन्होंने एक बार गरीब लड़कियों को डस्टबिन से गंदे पैड्स को निकालकर एकट्ठा करते देखा था। उसके बाद जब उनसे पूछा कि वह इनका क्या करेंगी तो जवाब मेरे लिए चौंकाने वाला था। उन्होंने बताया कि उन लड़कियों ने कहा कि वह इन प्रयोग किए पैड को धोकर सुखाकर अपने मासिक धर्म के समय प्रयोग में लाती हैं। वह ऐसा करने पर इसलिए मजबूर हैं क्योंकि उनके पास सैनेटरी नैपकीन खरीदने के लिए पैसे नहीं है।
कपल का योगदान
मीना ने कहा कि इस घटना ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया। जिसके बाद मैंने अपने पति के साथ मिलकर जरुरतमंदों तक पैड पहुंचाने की ठानी। जिसके बाद से ये कपल महिलाओं को सैनेटरी नैपकील बांटने और उसकी जरुरत को समझाने का काम कर रहा है।