'मांग बढ़ाने, अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिये अधिक कर्ज लें', पैसे जुटाने के लिए चिदंबरम ने दिए सरकार को टिप्स
By स्वाति सिंह | Published: September 6, 2020 03:11 PM2020-09-06T15:11:17+5:302020-09-06T15:11:45+5:30
चिदंबरम ने सरकार से कहा: मांग बढ़ाने, अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिये लें अधिक कर्ज
नयी दिल्ली: पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मांग को प्रोत्साहित करने और देश की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में मदद करने के लिये सरकार को अधिक उधार लेने का रविवार को सुझाव दिया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने धन जुटाने के कुछ उपाय भी सुझाये, जिनमें एफआरबीएम मानदंडों में ढील, विनिवेश में तेजी और वैश्विक बैंकों से धन उधार लेना शामिल है।
अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के उपायों के तहत, उन्होंने राज्यों की माल एवं सेवा कर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति का भुगतान करने के अलावा, 50 प्रतिशत गरीब परिवारों को नकद हस्तांतरित करने, उन्हें खाद्यान्न देने और बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने की मांग की।
Here are some concrete steps to stimulate demand/consumption and revive the economy:
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) September 6, 2020
1. Transfer some cash to the poorest 50 per cent of families
2. Offer food grain to all families, those who need will take it
3.Increase spending on infrastructure projects
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मांग व खपत को प्रोत्साहित करने और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिये कुछ ऐसे ठोस कदम उठाये जा सकते हैं, सबसे गरीब 50 प्रतिशत परिवारों को कुछ नकदी हस्तांतरित करें। ऐसे सभी परिवारों को खाद्यान्न दें, जिन्हें इसकी आवश्यकता है। बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर खर्च बढ़ायें। खाद्यान्न भंडार का वस्तु के रूप में मजदूरी भुगतान में उपयोग करें। बड़े सार्वजनिक निर्माण कार्य शुरू करें। बैंकों का पुनर्पूंजीकरण करें ताकि वे अधिक उधार दे सकें और राज्यों की जीएसटी क्षतिपूर्ति का भुगतान करें।’’ चिदंबरम ने कहा, ‘‘इन सबों को पैसे की जरूरत होगी। कर्ज लें। संकोच न करें।’’
उन्होंने सुझाव दिया, ‘‘धन जुटाने के कुछ ठोस कदम इस प्रकार के हो सकते हैं। एफआरबीएम के प्रावधानों को सरल करें और इस साल अधिक कर्ज उठायें। विनिवेश को तेज करें। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्वबैंक, एशियाई विकास बैंक आदि की 6.5 अरब डॉलर की पेशकश का इस्तेमाल करें। अंतिम उपाय के तौर पर राजकोषीय घाटे का मौद्रीकरण करें(सीधे रिजर्व बैंक को बांड देर पैसा लें)।’’