रिपोर्ट: 2016 से 2018 के बीच रेल पटरियों पर 32,000 से अधिक पशुओं की मौत

By भाषा | Published: July 4, 2019 01:49 PM2019-07-04T13:49:47+5:302019-07-04T13:49:47+5:30

रेलवे अब इन घटनाओं से बचने के लिए खुले स्थानों जैसे खेतों के आसपास बाड़ लगाने की योजना बना रहा है। रेलवे सुरक्षा कर्मी भी किसानों को अपने मवेशियों को पटरियों से दूर रखने के लिए जागरूक कर रहे हैं।

Over 32000 animals killed on railway tracks between 2016 and 2018 | रिपोर्ट: 2016 से 2018 के बीच रेल पटरियों पर 32,000 से अधिक पशुओं की मौत

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlights। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक ओर रेल दुर्घटनाओं में कमी आई है, वहीं दूसरी ओर रेलवे पटरियों पर पशुओं की मौत की संख्या बढ़ती जा रही है। बीते तीन साल के दौरान ट्रेन की चपेट में आ कर 60 हाथियों की मौत हुई है।

बीते तीन साल के दौरान रेल पटरियों पर गाय, शेर और तेंदुओं समेत 32,000 से अधिक पशुओं की मौत हुई है। रेलवे के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। यह भी कहा गया है कि इसके अतिरिक्त, इस वर्ष 20 जून तक ट्रेन से कट कर 3,479 पशुओं की मौत हो चुकी है। इसमें हाथियों की संख्या शामिल नहीं है।

बीते तीन साल के दौरान ट्रेन की चपेट में आ कर 60 हाथियों की मौत हुई है जबकि इस साल 20 जून तक पांच हाथी मारे गए। आंकड़ों के अनुसार 2016 में ट्रेन की चपेट में आकर 7,945 पशुओं की मौत हुई। 2017 में यह संख्या बढ़कर 11,683 पहुंच गई। 2018 में 12,625 पशुओं की मौत हुई।

इस तरह 2016 से 2018 के बीच 32,253 पशुओं की मौत हुई। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक ओर रेल दुर्घटनाओं में कमी आई है, वहीं दूसरी ओर रेलवे पटरियों पर पशुओं की मौत की संख्या बढ़ती जा रही है। यह चिंता का विषय है।

रेलवे अब इन घटनाओं से बचने के लिए खुले स्थानों जैसे खेतों के आसपास बाड़ लगाने की योजना बना रहा है। रेलवे सुरक्षा कर्मी भी किसानों को अपने मवेशियों को पटरियों से दूर रखने के लिए जागरूक कर रहे हैं, लेकिन यह उपाय ज्यादा कारगर नहीं है। 

Web Title: Over 32000 animals killed on railway tracks between 2016 and 2018

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