नगालैंड के नोकलाक जिले में 'स्क्रब टाइफस' बीमारी का प्रकोप, जानिए क्या होते हैं लक्षण
By भाषा | Published: September 19, 2020 11:54 AM2020-09-19T11:54:57+5:302020-09-19T11:54:57+5:30
इस संक्रमण से पांच लोगों की मौत भी हो चुकी है। स्क्रब टाइफस बीमारी ओरियेंटिया सुटसुगमुशी नामक जीवाणु से होती है। यह एक प्रकार की संक्रमित घुन के काटने से होती है।
कोहिमा: कोविड-19 महामारी के बीच नगालैंड के नोकलाक जिला प्रशासन ने जिले में ‘स्क्रब टाइफस’ के प्रकोप की बात कही है। नोकलाक के उप संभागीय अधिकारी (सिविल) सी फुनियांग ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (नोकलाक) से प्राप्त आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार जिले में इस साल जनवरी से अब तक स्क्रब टाइफस के 618 मामले सामने आये हैं।
उन्होंने कहा कि इस संक्रमण से पांच लोगों की मौत भी हो चुकी है। स्क्रब टाइफस बीमारी ओरियेंटिया सुटसुगमुशी नामक जीवाणु से होती है। यह एक प्रकार की संक्रमित घुन के काटने से होती है। इसके प्रमुख लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और त्वचा पर चकत्ते पड़ना है। एसडीओ ने जनता से इस तरह के किसी भी लक्षण की शिकायत पर स्वास्थ्य अधिकारियों से संपर्क करने को कहा है।
इधर, नगालैंड सरकार ने सुअरों के आयात पर लगी पाबंदी आशिंक रूप से हटाने का निर्णय किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। असम में ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ फैलने के मद्देनजर नगालैंड ने 28 अप्रैल को आयात पर पाबंदी लगा दी थी। एक अधिसूचना में मुख्य सचिव तेमजेन तॉय ने कहा कि स्वस्थ एवं प्रमाणित सुअरों के पंजाब एवं हरियाणा से आयात पर लगी पाबंदी तत्काल प्रभाव से आंशिक तौर पर हटा ली गई है।
असम, अरूणाचल प्रदेश और वे सभी राज्य जहां स्वाइन बुखार का प्रकोप है, वहां से आयात पर अब भी पाबंदी है। उन्होंने कहा कि यह फैसला आर्थिक महत्व को, मांग और खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित करने को ध्यान में रखते हुए किया गया है। सरकार ने माल वाहकों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया भी जारी की है।