हरियाणा में बिखर गई ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इनेलो, विधायकों ने BJP में खोजा सुरक्षित राजनीतिक भविष्य
By बलवंत तक्षक | Published: June 27, 2019 08:55 AM2019-06-27T08:55:10+5:302019-06-27T08:55:10+5:30
इनेलो से पार्टी के सांसद रहे दुष्यंत चौटाला और उनके छोटे भाई दिग्विजय चौटाला के अलग होने के बाद बिखराव की रफ्तार तेज हो गई.
पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) हरियाणा में बिखर गई है. इनेलो के टूटने के बाद पार्टी के विधायकों ने सुरक्षित राजनीतिक भविष्य के लिए भाजपा की तरफ रुख कर लिया है. अब तक इनेलो के पांच विधायक भाजपा में शामिल हो चुके हैं, जबकि एक विधायक ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. इनेलो से विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद भी छिन गया है.
इनेलो से पार्टी के सांसद रहे दुष्यंत चौटाला और उनके छोटे भाई दिग्विजय चौटाला के अलग होने के बाद बिखराव की रफ्तार तेज हो गई. दुष्यंत के साथ उनकी विधायक मां नैना चौटाला, अनूप सिंह धानक, राजदीप फौगाट और पृथ्वी सिंह नंबरदार ने इनेलो को अलविदा कह दिया. इसके बाद जींद उप चुनाव में इनेलो उम्मीदवार उमेद लोहान की जमानत जब्त होने और भाजपा की जीत के बाद इनेलो नेताओं में खुद को भगवा रंग में रंगने की जैसे होड़ लग गई.
एक के बाद एक पांच विधायक भाजपा में शामिल हो गए. इनमें सबसे पहले हथीन से केहर सिंह रावत और फतेहाबाद से बलवान सिंह दौलतपुरिया ने भाजपा में शामिल होने का ऐलान कर दिया. फिर नलवा के विधायक अंबीर सिंह गंगवा भी भाजपा में आ गए. इस बीच एक विधायक नसीम अहमद इनेलो छोड़ कर कांग्रेस में चले गए हैं.
इनेलो को फिर से खड़ा करने की कोशिश नाकाम
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में जुलना के परमिंदर सिंह ढुल और नूंह के जाकिर हुसैन को भी भाजपा की सदस्यता दिलवा दी है. साथ ही जननायक जनता पार्टी की रोहतक इकाई के अध्यक्ष धर्मपाल मकडौली भी भाजपा में आ गए हैं. हाल में चौटाला तिहाड़ जेल से 14 दिन के लिए बाहर आए थे और पूरे राज्य का दौरा कर इनेलो को फिर से खड़ा करने की कोशिश की थी, लेकिन पार्टी के विधायकों में मची भगदड़ नहीं रोक पाए.
पांच साल पूरे होते-होते सब बिखर गया
पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान इनेलो को 20 सीटें मिली थीं. भाजपा के बाद सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नाते विपक्ष का नेता पद चौटाला के छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला को मिल गया था, लेकिन पांच साल पूरे होते-होते सब कुछ बिखर गया. इस दौरान इनेलो के दो विधायकों डॉ. हरिचंद इमद्ध और जसविंदर सिंह सिद्धू का आकस्मिक निधन हो गया. डॉ. मिड्ढा के निधन की वजह से हुए उप चुनाव में भाजपा ने इनेलो से यह सीट छीन ली, जबकि सिद्धू ने निधन के बाद पेहोवा सीट पर अब उप चुनाव के आसार नहीं हैं.
भाजपा की हरियाणा में रथ यात्रा जल्द
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अक्तूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए मिशन 75 प्लस तय किया है. अपने इस मिशन को कामयाब बनाने के लिए राज्य के हर जिले में भाजपा को और मजबूती देने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. राज्य की सभी दस लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद भाजपा अब जल्दी ही हरियाणा में रथ यात्रा शुरु करने जा रही है.