Independence Day पर महिलाओं को तोहफा, पीरियड लीव की ओडिशा में शुरुआत, डिप्टी CM ने की घोषणा
By आकाश चौरसिया | Updated: August 15, 2024 14:39 IST2024-08-15T14:11:06+5:302024-08-15T14:39:41+5:30
Independence Day पर ओडिशा सरकार ने बड़ी घोषणा करते हुए प्राइवेट और सरकारी कार्यलयों में काम कर महिलाओं को खुशी दी। डिप्टी सीएम ने तिरंगा फहराने के बाद बताया कि अब महिला चाहे तो मासिक धर्म के पहले या दूसरे दिन छुट्टी ले सकती हैं।

फोटो क्रेडिट- एक्स
नई दिल्ली: ओडिशा की भाजपा सरकार ने महिला कर्मियों के लिए आज यानी गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस पर एक दिन की मासिक धर्म अवकाश नीति घोषित की। हालांकि, यह राज्य सरकार के कार्यलय और प्राइवेट सेक्टर दोनों जगह लागू होंगी। यह घोषणा कटक में जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान ओडिशा की उपमुख्यमंत्री प्रावती परिदा ने की।
इस नीति के तहत चाहे तो दोनों सेक्टरों में काम कर रही महिलाएं, चाहे तो मासिक धर्म के पहले दिन या दूसरे दिन अब छुट्टी ले पाएंगी। गौरतलब है कि उप मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि यह उनके विकास, स्वास्थ्य और उनके कल्याण में बेहतरी के उचित कदम साबित होगा।
इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को उनके स्वास्थ्य और कल्याण को ज्यादा प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में सहायता करना है. उपमुख्यमंत्री प्रवती परिदा ने कहा, "यह वैकल्पिक है, जो महिलाएं पेशेवर काम में शामिल थीं, वे शारीरिक दर्द के पहले या दूसरे दिन छुट्टी ले सकती हैं। यह सरकारी और निजी क्षेत्र की नौकरी करने वालों दोनों के लिए लागू होगा।"
बिल अभी एक्ट में परिवर्तित नहीं हुआ..
इस कदम से माना जा रहा है कि देश भर में मासिक धर्म नीति को लेकर चर्चा तेज हो जाएगी। जबकि महिलाओं को मासिक धर्म की छुट्टी का अधिकार और मासिक धर्म स्वास्थ्य उत्पादों तक मुफ्त पहुंच विधेयक, 2022, मासिक धर्म के दौरान महिलाओं और ट्रांसवुमेन के लिए तीन दिनों की सवैतनिक छुट्टी का प्रस्ताव करता है, बिल अभी तक अधिनियमित नहीं हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को मासिक धर्म के तहत महिला कर्मियों को ध्यान में रखते हुए आधुनिक नीति बनाने का आग्रह किया था। इसके साथ ही कहा था कि ये न्यायाधिकरण हस्ताक्षेप का मामला नहीं है, फिर भी आवश्यक समझने पर इस पर प्रकाश डालते हुए केंद्र सरकार से कहा।
अभी यह नीति केरला और बिहार राज्य में लागू हैं, इन्हें देखते हुए और गंभीरता को देखते हुए अब ओडिशा सरकार ने महिलाओं के हित में ये निर्णय लिया है। बिहार ने 1992 में इस पॉलिसी का नीति-निर्धारण किया, जिसमें महीने में मासिक धर्म के तहत हर महीने दो छुट्टी लेने का प्रावधान रखा गया था। वहीं, साल 2023 आते-आते केरला ने भी इसे लागू करते हुए उच्च संस्थानों और कॉलेजों में महिला छात्रों के लिए मासिक धर्म अवकाश बढ़ा दिया, साथ ही 18 वर्ष से अधिक उम्र की महिला छात्रों के लिए 60 दिनों तक का मातृत्व अवकाश दिया।
भारत में कुछ निजी कंपनियों, जैसे जोमैटो ने भी मासिक धर्म अवकाश नीतियों को अपनाया है, जोमैटो ने साल 2020 से ही सालाना 10 दिनों की भुगतान अवधि की छुट्टी की पेशकश कर रहा है।