टिकटॉक बैन पर भड़कीं तृणमूल सांसद नुसरत जहां, बताया- ढकोसला और बिना सोचे-समझे लिया गया फैसला

By सुमित राय | Published: July 2, 2020 05:41 AM2020-07-02T05:41:51+5:302020-07-02T05:42:36+5:30

भारत सरकार ने सोमवार को शॉर्ट वीडियो ऐप टिकटॉक समेत 59 चाइनीज ऐप को बैन कर दिया था, जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस सांसद नुसरत जहां ने इसकी तुलना नोटबंदी से कर दी है।

Nusrat Jahan on TikTok ban: People will suffer like demonetisation | टिकटॉक बैन पर भड़कीं तृणमूल सांसद नुसरत जहां, बताया- ढकोसला और बिना सोचे-समझे लिया गया फैसला

टीएमसी सांसद नुसरत जहां ने कहा कि टिक टॉक पर प्रतिबंध लगाना बिना सोचे समझे लिया गया निर्णय है। (फाइल फोटो)

Highlightsतृणमूल कांग्रेस सांसद नुसरत जहां ने टिकटॉक समेत चीन के 59 ऐप बैन को 'ढकोसला तथा बिना सोचे-समझे लिया गया फैसला' करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को इन ऐप का भारतीय विकल्प देना चाहिए, क्योंकि इनसे कई लोगों की आजीविका जुड़ी है।

कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस सांसद नुसरत जहां ने टिकटॉक समेत चीन के 59 ऐप पर प्रतिबंध लगाने के केन्द्र के फैसले को बुधवार को एक ''ढकोसला तथा बिना सोचे-समझे लिया गया फैसला'' करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को इन ऐप का भारतीय विकल्प देना चाहिए, क्योंकि इनसे कई लोगों की आजीविका जुड़ी है।

अभिनेत्री तथा सांसद नुसरत जहां के टिकटॉक पर फॉलोवर की अच्छी खासी तादाद है। उन्होंने कहा कि लोगों को इस प्रतिबंध से नुकसान नहीं होना चाहिए जैसा कि नोटबंदी के बाद हुआ था। उन्होंने एक बयान में कहा, ''टिकटॉक मेरे लिये मेरे प्रशंसकों और दर्शकों के साथ जुड़ने के अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों की तरह ही है। अगर यह राष्ट्रीय हित में है, तो मैं पूरी तरह से प्रतिबंध का समर्थन करती हूं। लेकिन केन्द्र सरकार का कुछेक चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाना केवल ढकोसला और बिना सोचे समझे लिया गया फैसला है।''

भारत सरकार ने क्यों लगाया 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध

सरकार ने कहा कि ये ऐप देश की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं। ये प्रतिबंध लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों के साथ मौजूदा तनावपूर्ण स्थितियों के बीच लगाए गए हैं। आईटी मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि उसे विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप के दुरुपयोग के बारे में कई रिपोर्ट शामिल हैं। इन रिपोर्ट में कहा गया है कि ये ऐप ‘‘उपयोगकर्ताओं के डेटा को चुराकर, उन्हें गुपचुक तरीके से भारत के बाहर स्थित सर्वर को भेजते हैं।

इन ऐप पर भारत सरकार ने लगाया है बैन

चीन से संबंध रखने वाले 59 मोबाइल ऐप जो भारत में बैन किए गए हैं उस लिस्ट में टिक टॉक और यूसी ब्राउजर के अलावा वीचैट, बीगो लाइव, हैलो, लाइकी, कैम स्कैनर, वीगो वीडियो, एमआई वीडियो कॉल - शाओमी, एमआई कम्युनिटी, क्लैश ऑफ किंग्स के साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफार्म क्लब फैक्टरी, क्लैश ऑफ किंग्स और शीइन जैसे बड़े ऐप शामिल हैं।

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टिक टॉक ने कहा कि किसी भारतीय की जानकारी चीन अथवा किसी अन्य देश के साथ साझा नहीं की है। (फाइल फोटो)

बैन लगने के बाद टिक टॉक ने दी सफाई

भारत सरकार द्वारा बैन किए जाने के बाद टिक टॉक ने मंगलवार को सफाई दी थी और कहा था कि वह भारत सरकार के आदेश के मुताबिक ऐप को बंद करने की प्रक्रिया में है। कंपनी ने जोर देते हुए कहा कि उसने ऐप का इस्तेमाल करने वाले किसी भी भारतीय की जानकारी चीन अथवा किसी अन्य देश के साथ साझा नहीं की है। छोटे वीडियो साझा करने वाली इस कंपनी ने कहा कि उसे अपनी प्रतिक्रिया और स्पष्टीकरण देने के लिए संबंधित सरकारी पक्षों से मिलने के लिए आमंत्रित किया गया है। बता दें भारत में टिक टॉक के 20 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं।
(भाषा से इनपुट)

Web Title: Nusrat Jahan on TikTok ban: People will suffer like demonetisation

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