दिल्ली हिंसा में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर हुई 24, करीब 200 लोग अस्पलाल में भर्ती
By अनुराग आनंद | Published: February 26, 2020 08:23 PM2020-02-26T20:23:02+5:302020-02-26T20:23:02+5:30
लोक नायक जय प्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल के अधिकारी ने कहा कि 1 मृत और 22 घायल व्यक्तियों को पिछले 24 घंटों में अस्पताल लाया गया है। घायलों की समुचित इलाज की जा रही है। कुछ के हालात खराब हैं।
संशोधित नागरिकता कानून को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा मामले में बुधवार को मृतकों की संख्या बढ़कर 24 हो गई। गुरु तेग बहादुर अस्पताल में 22 लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में 1 शख्स की मौत हो चुकी है। इसके अलावा एक अन्य लोगों की मौत हुई है।
लोक नायक जय प्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल के अधिकारी ने कहा कि 1 मृत और 22 घायल व्यक्तियों को पिछले 24 घंटों में अस्पताल लाया गया है। घायलों की समुचित इलाज की जा रही है। कुछ के हालात खराब हैं। इस बीच, दिल्ली की हिंसा में घायल हुए शाहदरा डीसीपी अमित शर्मा की हालत अब ठीक है और वह खतरे से बाहर हैं।
North East Delhi violence: 21 deaths in Guru Teg Bahadur Hospital and 1 death in Lok Nayak Jai Prakash Narayan Hospital. https://t.co/UTouIXG64O
— ANI (@ANI) February 26, 2020
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि स्थिति ‘‘चिंताजनक’’ हो गई है और अब सेना को बुलाया जाना चाहिए क्योंकि पुलिस ‘‘हालात काबू में करने में नाकाम’’ है। जीटीबी अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार घायलों की संख्या अब 200 हो गई है, हालांकि अस्पताल में हालात ‘‘नियंत्रण’’ में है। मंगलवार को मृतक संख्या 13 थी।
जीटीबी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक सुनील कुमार ने कहा, ‘‘बुधवार को मृतक संख्या बढ़कर 24 हो गई है।’’ इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इससे पहले लोक नायक जयप्रकाश नारायण (एलएलजेपी) अस्पताल से चार शव गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल लाए गए थे।
बाद में, जीटीबी के चिकित्सा अधीक्षक ने पत्रकारों से कहा कि मंगलवार आधी रात से मरीजों की तादाद बढ़ी है, न कि घायलों की, जैसा पहले था। उन्होंने बताया कि इन मरीजों को अलग-अलग तरह की चोटें आई हैं जिसमें गोली लगने से घायल हुए लोगों से लेकर हिंसा से बचने के लिए छतों से कूदने के कारण घायल हुए लोग शामिल हैं, अधिकतर के सिर में चोट आई है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम डॉक्टरों, नर्सों, पराचिकित्सकों, उपयोगी सामान के साथ पूरी तरह से तैयार हैं।
उम्मीद है कि यहां से स्थिति अब और अधिक खराब नहीं होगी।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या पीड़ितों की पहचान हुई है, इस पर कुमार ने कहा, ‘‘कई लोगों की पहचान हो गई है और कुछ की पहचान होनी बाकी है।’’ इस बीच, टेलीविजन पर प्रसारित फुटेज में डीसीपी उत्तर पूर्वी वेद प्रकाश सूर्या पुलिसकर्मियों के साथ हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च करते दिखे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि स्थिति ‘‘चिंताजनक’’ है।
उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय गृह मंत्री को इस संबंध में पत्र लिख रहे हैं। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘पूरी रात मैं बड़ी संख्या में लोगों के संपर्क में रहा हूं। स्थिति चिंताजनक है। पुलिस तमाम प्रयासों के बावजूद स्थिति को काबू नहीं कर पा रही है और लोगों में आत्मविश्वास नहीं भर पा रही है।’’
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अब सेना को बुलाया जाना चाहिए और शेष प्रभावित इलाकों में फौरन कर्फ्यू लगा देना चाहिए। मैं माननीय गृह मंत्री को इस संबंध में पत्र लिख रहा हूं।’’
सोमवार रात के बाद आगजनी, तनाव की घटनाओं के कारण राष्ट्रीय राजधानी सुलगती रही और मंगलवार को चांदबाग, भजनपुरा, गोकलपुरी, मौजपुर, कर्दमपुरी और जाफराबाद जैसे कई इलाकों में दो समूहों के लोगों के बीच संघर्ष तेज होता दिखा जिनके पास पेट्रोल बम भी थे और आगजनी की।
सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने मंगलवार रात को हालात का जायजा लिया। इस बीच, दिल्ली उच्च न्यायालय ने आधी रात को हुई सुनवाई में पुलिस को संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हुई हिंसा में घायल हुए लोगों को आपात उपचार के लिए सुरक्षित अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
घायलों को पर्याप्त सुविधाओं के साथ तुरंत और सुरक्षित तरीके से अस्पताल पहुंचाने से संबंधित याचिका पर तत्काल सुनवाई के अनुरोध को देखते हुए न्यायमूर्ति एस मुरलीधर के आवास पर यह सुनवाई हुई।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बाद में पुलिस को यह भी निर्देश दिया कि वह बुधवार को दोपहर साढ़े 12 बजे तक उस याचिका पर जवाब दे जिसमें संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में उत्तर पूर्वी दिल्ली के इलाकों में जारी सांप्रदायिक हिंसा में शामिल लोगों की गिरफ्तारी और प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया गया है।