एनटीएफ ने कोविड प्रबंधन के लिए केंद्र की "कड़ी मेहनत व प्रयासों" की सराहना की
By भाषा | Published: June 25, 2021 07:01 PM2021-06-25T19:01:40+5:302021-06-25T19:01:40+5:30
नयी दिल्ली, 25 जून उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित राष्ट्रीय कार्य बल (एनटीएफ) ने कहा कि वह कोविड-19 की पहली लहर के दौरान पिछले साल ऑक्सीजन प्रबंधन के लिए केंद्र की “कड़ी मेहनत और प्रयासों” की सराहना करता है।
शीर्ष चिकित्सा विशेषज्ञों के 12-सदस्यीय कार्यबल का गठन छह मई को हुआ था और उसने 163 पृष्ठों की अपनी पहली रिपोर्ट में इतने व्यापक स्तर की महामारी के प्रबंधन के लिए केंद्र की सराहना की और कहा कि उसकी कई सिफारिशों का पहले से ही कार्यान्वन किया जा रहा है तथा अन्य सिफारिशों पर काम किया जा रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र ने ऑक्सीजन की उपलब्धता और चिकित्सीय ऑक्सीजन (एलएमओ) की भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए कदम उठाए और राज्यों को ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना में मदद दी गयी। इनमें से कई संयंत्र जून के अंत तक चालू हो जाएंगे।
कार्य बल ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) अभी ‘ऑक्सीजन डिमांड एग्रीगेशन सिस्टम’ (ओडीएएस) तैयार कर रहा है, जिससे बेड की उपलब्धता और इस्तेमाल के आधार पर चिकित्सीय ऑक्सीजन की मांग का पता लगाया जा सकेगा।
कार्य बल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पिछले साल महामारी की पहली लहर के दौरान उठाए गए कदमों से इस साल अप्रैल में एलएमओ के उत्पादन में वृद्धि के लिए तंत्र जल्दी स्थापित करने में मदद मिली, जब एलएमओ की मांग में अचानक वृद्धि दर्ज की गयी। यह मांग अप्रैल के तीसरे हफ्ते में एक दिन में औसतन 5500 मीट्रिक टन तक पहुंच गयी थी और महीने के चौथे सप्ताह में तेजी से बढ़कर 7100 मीट्रिक टन तक पहुंच गयी। नौ मई 2021 को खपत 8943 मीट्रिक टन की उच्चतम स्तर तक पहुंच गयी।
कार्य बल ने कहा कि औद्योगिक गैस निर्माताओं को मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए लाइसेंस जारी किए गए, अधिकारप्राप्त समूह -2 के निर्देश पर, तरल ऑक्सीजन के निर्माताओं ने ऑक्सीजन का दैनिक उत्पादन बढ़ाया, मोदीनगर (उत्तर प्रदेश) और पुणे (महाराष्ट्र) में एलएमओ की नयी इकाइयां शुरू की गईं। इस्पात संयंत्रों के पास उपलब्ध ऑक्सीजन का भी उपयोग किया गया था।
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