NTA NEET result 2020: नीट के अपने रिजल्ट से नहीं हैं खुश और कम है रैंकिंग? जानिए फिर क्या है विकल्प
By विनीत कुमार | Published: October 17, 2020 12:57 PM2020-10-17T12:57:16+5:302020-10-17T12:57:16+5:30
NTA NEET result 2020: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नीट के रिजल्ट घोषित कर दिए हैं। कई ऐसे भी उम्मीदवार होंगे जिनके रैंक उनकी उम्मीद के अनुसार नहीं होंगे, ऐसे में उनके पास क्या है विकल्प..जानिए
NTA NEET result 2020: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने ‘नीट’ के नतीजे घोषित कर दिए हैं। चिकित्सा पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आयोजित इस परीक्षा के लिए 15,97,435 उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन कराए थे और इसमें 7,71,500 उम्मीदवार पास हुए। दिल्ली की अकांक्षा सिंह और ओडिशा के शोएब आफताब को 720 में से 720 अंक प्राप्त हुए हैं।
एनटीए की टाई-ब्रेकिंग नीति के तहत हालांकि आफताब को पहला और अकांक्षा सिंह को दूसरा स्थान मिला। सबसे अधिक त्रिपुरा के उम्मीदवारों (88,889) ने परीक्षा में सफलता हासिल की जबकि दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र के उम्मीदवार रहे। महाराष्ट्र के 79,974 उम्मीदवारों ने परीक्षा उत्तीर्ण की है। कोविड-19 महामारी के बीच इस परीक्षा को तमाम विवादों के बीच 13 सितंबर को आयोजित कराई गई थी।
बहरहाल, पास हुए उम्मीदवारों के पास अब बेहतर हासिल करने की चुनौती है। रैकिंग के हिसाब से ये तय होगा। कई ऐसे भी उम्मीदवार होंगे जिन्होंने क्लॉलीफाई तो कर लिया होगा लेकिन रैकिंग को देखते हुए उन्हें अपना पसंदीदा कॉलेज नहीं मिले। ऐसे में क्या इनके पास क्या विकल्प है, इस बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
NTA NEET result 2020: कम रैकिंग पर भी कई विकल्प
दरअसल, ज्यादातर छात्रों की पहली पसंद किसी सरकार कॉलेज से MBBS डिग्री हासिल करने की होती है। इसका अहम कारण कम फीस है। अगर आपकी रैकिंग उम्मीद से कम है तो किसी प्राइवेट कॉलेज से भी MBBS की पढ़ाई कर सकते हैं। हालांकि, यहां फीस एक बड़ा विषय है। प्राइवेट कॉलेज में 80 लाख से एक करोड़ रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं।
आप बीडीएस या वेटनरी कोर्स के लिए भी कोशिश कर सकते हैं। आयुष मंत्रालय भी कई तरह के कोर्स उपलब्ध कराता है। 60 हजार से कम रैकिंग वालों के लिए मैनेजमेंट सीट या बीफार्मा कोर्स का भी विकल्प है।
साथ ही बीएससी कोर्स जैसे बायोटेक्नोलॉजी, नर्सिंग, फिजियोथैरेपी जैसे विकल्प भी मौजूद हैं। मेडिकल की दुनिया में बायोटेक्नोलॉजी, जेनेटिक इंजीनियरिंग, बायोस्टैटिक, टेलीमेडिसिन भी उभरते हुए क्षेत्र हैं जहां स्पेस्लाइज्ड कोर्स किए जा सकते हैं।