India China Border Tension: NSA अजीत डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री से की बातचीत, इन मुद्दों पर हुई चर्चा
By स्वाति सिंह | Published: July 6, 2020 02:50 PM2020-07-06T14:50:04+5:302020-07-06T15:12:30+5:30
रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच क्षेत्र में शांति बनाए रखने भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए एक साथ काम करने को लेकर बातचीत हुई।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने कल वीडियो कॉल पर चीनी विदेश मंत्री और राज्य के काउंसलर वांग यी से बातचीत की। सूत्रों का कहना है कि बातचीत सौहार्दपूर्ण और दूरदर्शी तरीके से हुई। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की बातचीत का फोकस पूरी तरह से और स्थायी तौर पर शांति वापस लाना और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए एक साथ काम करना था।
बता दें कि भारत-चीन इमं चल रहे गतिरोध पर डोभाल पहले से ही सक्रिय हैं और चीन पर नजर रखे हुए भी हैं। यह भी कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अचानक लद्दाख दौरा डोभाल की ही रणनीति का हिस्सा था। वहीं चीनी घुसपैठ की कोशिश के बाद जिस तरह भारत ने आक्रमक तरीके से उसका जवाब दिया उसे भी डोभाल की रणनीति बताया जाता है।
The focus of the conversation between NSA Ajit Doval & Chinese FM Wang Yi was the full and enduring restoration of peace and tranquillity and to work together to avoid such incidents in future: Sources https://t.co/pPhvCqGEwh
— ANI (@ANI) July 6, 2020
गलवान घाटी से पीछे हटते दिखी चीनी सेना
चीन की सेना गलवान घाटी के कुछ हिस्सों से तंबू हटाते और पीछे हटती दिखी है। सरकारी सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। क्षेत्र में सैनिकों के पीछे हटने का यह पहला संकेत है। सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों के कोर कमांडरों के बीच हुए समझौते के तहत चीनी सैनिकों ने पीछे हटना शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि चीनी सेना गश्त बिंदु 14 पर लगाए गए तंबू एवं अन्य ढांचे हटाते हुए देखी गई है। सूत्रों ने कहा कि गोगरा हॉट स्प्रिंग इलाके में भी चीनी सैनिकों के वाहनों की इसी तरह की गतिविधि देखी गई है। भारतीय और चीनी सेना के बीच पिछले सात हफ्तों से पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में गतिरोध जारी है।
3 पोस्ट से पीछे हटने लगे चीनी सैनिक
बताया जा रहा है कि चीन के सैनिक तीन पोस्ट गलवान, हॉटस्परिंग, गोगरा से वापस जाते दिखे हैं। अगले 24 घंटे बहुत महत्वपूर्ण हैं। पिछले दो माह से दोनों देश के सेनाएं आमने-सामने हैं। भारत अभी चीन के सैनिकों के वापस जाने के मामले पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। पैंगोंग पर अभी भी चीन के सैनिक जमे हैं। भारत का साफ कहना है कि चीनी सैनिकों को फिंगर 8 से पीछे जाना होगा।
गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव कई गुणा बढ़ गया था जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन के सैनिक भी इस झड़प में हताहत हुए थे लेकिन उसने अब तक इसके ब्योरे उपलब्ध नहीं कराए हैं। भारत क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए पूर्वी लद्दाख के सभी इलाकों में पूर्व यथास्थिति बहाल करने पर जोर देता आया है। क्षेत्र में तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के बीच कई चरणों की कूटनीतिक एवं सैन्य वार्ताएं हुई हैं। हालांकि, दोनों पक्षों के क्षेत्र से बलों को पीछे हटाने की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमत होने के बावजूद गतिरोध समाप्त होने के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक दिन पहले ही किया है लद्दाख का दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन और भारत की सेनाओं में गतिरोध के बीच शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख का औचक दौरा कर सैनिकों से मुलाकात की। मोदी ने लेह का दौरा किया जहां उन्होंने सेना, वायु सेना और आईटीबीपी के जवानों के साथ बातचीत की। मोदी के साथ प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे भी थे। मोदी ने कहा कि विस्तारवाद का दौर समाप्त हुआ और भारत के शत्रुओं ने उसके सशस्त्र बलों के ‘कोप और क्रोध’ को देख लिया है।