नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी, इलाहाबाद उच्च न्यायालय का बड़ा फैसला, जानें क्या है मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 7, 2022 03:13 PM2022-05-07T15:13:04+5:302022-05-07T15:14:06+5:30
न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने मनोरमा कुच्छल और अन्य की अवमानना याचिका पर यह आदेश पारित किया। नोएडा प्राधिकरण द्वारा 1990 में इन याचिकाकर्ताओं की जमीन का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन कानून के मुताबिक आज तक उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया गया।
प्रयागराजः इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नोएडा की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रितु माहेश्वरी के खिलाफ बृहस्पतिवार को गैर जमानती वारंट जारी किया और अवमानना के मामले में सुनवाई की अगली तारीख 13 मई को उन्हें पुलिस हिरासत में अदालत के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने मनोरमा कुच्छल और अन्य की अवमानना याचिका पर यह आदेश पारित किया। नोएडा प्राधिकरण द्वारा 1990 में इन याचिकाकर्ताओं की जमीन का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन कानून के मुताबिक आज तक उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया गया।
याचिकाकर्ता 1990 से नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। इससे पूर्व, 28 अप्रैल, 2022 को अदालत ने इस मामले की सुनवाई चार मई को करने का निर्देश दिया था और माहेश्वरी से अदालत के समक्ष पेश होने को कहा गया था। लेकिन अदालत द्वारा समन जारी किए जाने के बावजूद वह चार मई को सुनवाई में उपस्थित नहीं हुईं।
इस पर अदालत ने कहा, “इस तथ्य पर विचार करते हुए कि इस अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं किया बावजूद इसके कि नोएडा प्राधिकरण द्वारा एक रुपये भी मुआवजा दिए बगैर 1990 में अवैध रूप से याचिकाकर्ताओं की जमीन का अधिग्रहण किया गया।”
अदालत ने आगे कहा, “जब इस अदालत ने नोएडा सीईओ को अवमानना की कार्यवाही के तहत समन जारी किया तो वह सुनवाई में अदालत के समक्ष पेश नहीं हुईं जिस पर उनके वकील ने उनके आने तक इस मामले पर सुनवाई नहीं करने का अनुरोध किया क्योंकि उनकी फ्लाइट देरी से उड़ी।”
अदालत ने कहा, “नोएडा सीईओ का यह आचरण जानबूझकर इस अदालत का अपमान करने के समान है क्योंकि मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्तर के अधिकारी ने सोचा कि अदालत उनकी दया पर इस मामले की सुनवाई करेगी। इसलिए यह अदालत नोएडा सीईओ के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करती है।”