पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के आयात की योजना नहीं, तेजस जैसी स्वेदशी तकनीकि के विकास पर जोरः वायुसेना प्रमुख
By भाषा | Published: October 5, 2019 10:41 AM2019-10-05T10:41:42+5:302019-10-05T10:41:42+5:30
भदौरिया ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अधिक तेजस एवं सुखोई विमानों को शामिल करना, स्वदेशी 'अस्त्र' को विभिन्न प्रक्षेपास्त्रों एवं यानों से एकीकृत करने और जगुआर विमान बेड़े को उन्नत करना इस योजना में शामिल है।
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के स्वदेश में विकास का पुरजोर समर्थन करते हुए शुक्रवार को कहा कि भारतीय वायुसेना इनकी लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने के लिए एक महत्वाकांक्षी आधुनिकीकरण योजना पर काम कर रही है। भदौरिया ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अधिक तेजस एवं सुखोई विमानों को शामिल करना, स्वदेशी 'अस्त्र' को विभिन्न प्रक्षेपास्त्रों एवं यानों से एकीकृत करने और जगुआर विमान बेड़े को उन्नत करना इस योजना में शामिल है।
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा निर्मित किए जाने वाले 83 तेजस हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) के मूल्य निर्धारण के मुद्दे को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है और अनुबंध पर जल्द ही हस्ताक्षर होने की संभावना है। पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान (एफजीएफए) पर उन्होंने कहा कि वायुसेना एचएएल के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) परियोजना का पूरी तरह से समर्थन करती है और इस तरह के किसी भी विमान को आयात करने की कोई योजना नहीं है।
उन्होंने कहा, "पांचवीं पीढ़ी के विमान के आयात की कोई योजना नहीं है। एएमसीए परियोजना को आगे बढ़ाया जा रहा है। हम इसे पूरा समर्थन देते हैं। यह कार्यक्रम शुरु हो चुका है।"
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय वायुसेना ‘‘अल्प सूचना’’ पर लड़ने के लिए तैयार है और पाकिस्तान की ओर से किसी भी आतंकवादी हमले का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों द्वारा कथित तौर पर सीमा पर स्थित क्षेत्रों में ड्रोनों से हथियारों को गिराये जाने को एक ‘‘नये खतरे’’ के रूप में वर्णित किया और हवाई क्षेत्र के उल्लंघन की घटनाओं से निपटने के लिए ‘‘कार्रवाई’’ करने की प्रतिबद्धता जताई।