महागठबंधन में जारी तल्खी के बीच नीतीश के भाजपा से नजदीकी की चर्चा, क्या केन्द्र में बनेंगे मंत्री?
By एस पी सिन्हा | Published: January 24, 2023 06:02 PM2023-01-24T18:02:59+5:302023-01-24T18:02:59+5:30
सूत्रों की मानें तो महागठबंधन में आने के बाद से राजद नेताओं के द्वारा की जा रही बयानबाजी से असहज हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एकबार फिर से भाजपा से उम्मीद लगाए बैठे हैं। चर्चाओं की मानें तो नीतीश कुमार अब केन्द्र की राजनीति में जाना चाहते हैं।
पटना: उपेन्द्र कुशवाहा के बहाने बिहार की राजनीति में एकबार फिर से भूचाल की स्थिती उत्पन्न हो गई है। महागठबंधन की सरकार बने अभी छह माह से ज्यादा का वक्त भी नहीं गुजरा है कि सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ है। चर्चा जदयू और नीतीश कुमार को लेकर भी है। उपेन्द्र कुशवाहा ने यह कहकर सियासी बवंडर खड़ा कर दिया है कि जदयू का जितना बड़ा नेता उतना ज्यादा भाजपा के संपर्क में है। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पर भी निगाहें टिक गई हैं। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसपर पर्दा डालने का भरपूर प्रयास किया है। बावजूद इसके बात अगर निकली है तो चर्चाओं का बाजार भी गर्म हो गया है।
सूत्रों की मानें तो महागठबंधन में आने के बाद से राजद नेताओं के द्वारा की जा रही बयानबाजी से असहज हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एकबार फिर से भाजपा से उम्मीद लगाए बैठे हैं। चर्चाओं की मानें तो नीतीश कुमार अब केन्द्र की राजनीति में जाना चाहते हैं। उनकी इच्छा एकबार फिर से रेलमंत्री बनने की है। शायद यही कारण है कि पिछले दिनों उन्होंने बयान दिया था कि रेल बजट फिर से शुरू किया जाना चाहिए।
उन्होंने तत्कालीन वाजपेयी सरकार का हवाला भी दिया था। सूत्रों की अगर मानें तो वह भाजपा को बिहार में मुख्यमंत्री पद सौंपने के एवज में केन्द्र में रेल मंत्रालय चाहते हैं। लेकिन भाजपा इसके लिए तैयार नही है। सूत्रों की मानें तो भाजपा उन्हें मंत्री तो बनाने को तैयार है, लेकिन उनके मन मुताबिक मंत्रालय देने को तैयार नही है। मामला यहीं फंसा है।
इसके साथ ही भाजपा का दूसरा प्लान यह है कि अगर नीतीश कुमार नही मानते हैं तो उपेन्द्र कुशवाहा अथवा आरसीपी सिंह को केन्द्र की राजनीति में लाया जाये और फिर जदयू पर प्रहार किया जाये। संभव है कि अभी निकट भविष्य में केन्द्र सरकार में मंत्रिमंडल का विस्तार हो और उसमें कुछ नये चेहरे को शामिल किया जाये। उसमें आरसीपी सिंह और उपेन्द्र कुशवाहा के अलावे चिराग पासवान के नामों की भी अटकलें लगाई जा रही हैं।
सूत्रों की मानें तो अगर नीतीश कुमार केन्द्र की राजनीति में जाते हैं तो बिहार में भाजपा कोटे से आरके सिंह को बिहार की बागडोर सौंपी जा सकती है। आरके सिंह अभी केन्द्र में मंत्री हैं और साफ सुथरी छवि रही है। वह नौकरशाह से राजनीति में गये हैं। अगर भाजपा कोटे से मुख्यमंत्री बनाये जाते हैं तो जदयू कोटे से उपेन्द्र कुशवाहा को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
इसबीच राजद और जदयू के बीच जारी तनातनी के बीच दोंनों दलों की ओर से डैमेज कंट्रोल की पहल शुरू कर दी गई है। इसी कडी में सोमवार की रात जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से उनके घर पर जाकर मुलाकात की थी। कहा जा रहा है कि दोनों के बीच मनमुटाव और बयानबाजी पर लगाम लगाने की पहल की गई है। वहीं तेजस्वी यादव ने भी कहा है कि महागठबंधन को लालू यादव और नीतीश कुमार चला रहे हैं। उन्होंने भी दोनों के बीच जारी तल्खी को कम करने का प्रयास किया है।