मोदी कैबिनेट में JDU के शामिल नहीं होने पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा- 'हम सांकेतिक तौर सरकार में नहीं रहना चाहते हैं'

By एस पी सिन्हा | Updated: May 31, 2019 17:18 IST2019-05-31T17:18:37+5:302019-05-31T17:18:37+5:30

मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि जब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से जब मुलाकात हुई थी, तो उन्होंने कहा था कि सभी घटक दलों को एक-एक सीट दे रहे हैं. उनकी बात से लगा कि वह एनडीए के घटक दलों को सिर्फ सांकेतिक भागीदारी देना चाहते थे.

Nitish Kumar comment over JD(U) not joining Modi government cabinet 2019 | मोदी कैबिनेट में JDU के शामिल नहीं होने पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा- 'हम सांकेतिक तौर सरकार में नहीं रहना चाहते हैं'

मोदी कैबिनेट में JDU के शामिल नहीं होने पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा- 'हम सांकेतिक तौर सरकार में नहीं रहना चाहते हैं'

Highlightsबिहार में मिलकर सरकार चला रहे हैं. बिहार के हित के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया है. इसी के लिए सबकुछ किया है: नीतीश कुमार नीतीश कुमार ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव पर इसका कोई असर नहीं होगा.

नरेंद्र मोदी कैबिनेट के शपथ ग्रहण में शामिल होने के बाद पटना लौटे बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा चाहती थी कि हम सरकार में सांकेतिक भागीदारी निभाएं. पटना लौटने पर उन्होंने जदयू के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने को लेकर कहा कि वे भाजपा के साथ हैं. वह एनडीए में शामिल रहेंगे. उन्होंने कहा कि हमने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से कहा कि हम सांकेतिक तौर पर सरकार में शामिल होना नहीं चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि जब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से जब मुलाकात हुई थी, तो उन्होंने कहा था कि सभी घटक दलों को एक-एक सीट दे रहे हैं. उनकी बात से लगा कि वह एनडीए के घटक दलों को सिर्फ सांकेतिक भागीदारी देना चाहते थे. लेकिन, मंत्रिमंडल में सांकेतिक रूप से शामिल होने के औपचारिक न्योते को स्वीकार करने के भाजपा के प्रस्ताव पर उनकी पार्टी के लोगों ने सहमति नहीं दी. पार्टी के सभी लोगों ने इस सांकेतिक भागीदारी को उचित नहीं बताया. 

हालांकि उन्होंने कहा कि हमलोग साथ हैं, कोई नाराजगी नहीं है. बिहार में हम साथ-साथ सरकार में भागीदार हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नाराजगी इस बात पर दिखी कि दो सांसद वाले अकाली दल और छह सांसद वाले लोजपा के भी एक-एक सदस्य को कैबिनेट मंत्री बनाया गया, जबकि उनकी पार्टी जदयू के 16 सांसद हैं, साथ ही छह सांसद राज्यसभा में हैं. इसके बावजूद केंद्रीय मंत्रिमंडल में सिर्फ सांकेतिक भागीदारी की बात कही गयी. नीतीश कुमार ने कहा कि जब उन्होंने एक सीट की बात कही तो मैंने उन्हें कहा कि सांकेतिक भादीगारी की कोई जरूरत नहीं है. भाजपा से मिलने के बाद हमने पार्टी में यह बात रखी. नीतीश कुमार ने कहा कि पार्टी की बिहार की कोर टीम से हमने इस मुद्दे पर बात की. सभी ने कहा कि यह उचित नहीं है. संख्या के हिसाब से भागीदारी होनी चाहिए. 

उन्होंने इस खबर का भी खंडन किया कि जदयू ने तीन सीटों की मांग की थी. हमने कोई सीट नहीं मांगा था. इसके अलावा नीतीश कुमार ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव पर इसका कोई असर नहीं होगा.

उन्होंने कहा कि बिहार में मिलकर सरकार चला रहे हैं. बिहार के हित के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया है. इसी के लिए सबकुछ किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा को पूर्ण बहुमत है. हम सभी उनके साथ हैं. बता दें कि अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं. वहीं, जानकारों की अगर मानें तो नीतीश कुमार के सांकेतिक रूप से मोदी कैबिनेट में नहीं मानने के पीछे के कारणों में उनकी पार्टी के संसदों की नाराजगी प्रमुख है. वहीं, मंत्रिमंडल में शामिल नही होने का फैसला सार्वजनिक कर मुख्यमंत्री ने भाजपा नेतृत्व को स्पष्ट संकेत दे दिया है कि उनके ऊपर भाजपा का फैसला मानने की बाध्यता अब नहीं होगी.
 

Web Title: Nitish Kumar comment over JD(U) not joining Modi government cabinet 2019

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