एक लाख करोड़ रुपये की दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परियोजना में निवेश के काफी अवसर: गडकरी
By भाषा | Published: May 9, 2020 08:14 PM2020-05-09T20:14:18+5:302020-05-09T20:14:18+5:30
मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि एक लाख करोड़ रुपये की दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परियोजना में निवेशकों के लिए निवेश के काफी अवसर हैं। उन्होंने कहा कि इन क्लस्टरों से राज्यों के पिछड़े इलाकों के चौतरफा विकास में मदद मिलेगी।
नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि आगामी एक लाख करोड़ रुपये की दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परियोजना में निवेशकों के लिए निवेश के काफी अवसर हैं। उन्होंने निवेशकों का आह्वान किया कि वे प्रस्तावित टाउनशिप, स्मार्ट गांव और इसके आसपास स्थापित होने वाली सुविधाओं में निवेश के लिए आगे आएं। मंत्री ने उद्योग जगत से कहा है कि वह इस हरित राजमार्ग के साथ चमड़ा, प्लास्टिक, रसायन या अन्य उत्पादों के क्लस्टर लगाने की संभावना तलाश करें।
इस एक्सप्रेसवे से दिल्ली से मुंबई तक की यात्री मात्र 12 घंटे में पूरी हो सकेगी। गडकरी ने कहा कि इस राजमार्ग का नया मार्ग हरियाणा, गुजरात और मध्य प्रदेश के पिछड़े और आदिवासी इलाकों से होकर गुजरता है। वहां कोई उद्योग नहीं हैं। ऐसे में पहले से विकसित क्षेत्र से भीड़ कम करने की जरूरत है। उद्योग के खिलाड़ियों के पास इसमें चमड़ा, प्लास्टिक, रसायन और अन्य क्लस्टर विकसित करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि इन क्लस्टरों से राज्यों के पिछड़े इलाकों के चौतरफा विकास में मदद मिलेगी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इंजीनियरों, वास्तुकारों और नगर योजनाकारों के संघ (पीईएटीए) के साथ परिचर्चा के दौरान गडकरी ने यह बात कही। गडकरी के पास सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसएमई) मंत्रालय का भी प्रभार है। उन्होंने नगर योजनाकारों और अन्य लोगों से कहा कि वे स्मार्ट शहरों और स्मार्ट गांवों में निवेश की संभावनाएं तलाशें।
इसके अलावा वे सड़क के साथ की सुविधाओं और लॉजिस्टिक पार्कों में भी निवेश कर सकते हैं। उन्होंने एक्सप्रेसवे के साथ कम बजट वाली आवासीय परियोजनाएं विकसित करने पर भी जोर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि गुणावत्ता से समझौता किए बिना कचरे सामग्री का इस्तेमाल किया जाएगा। गडकरी ने कहा कि सरकार की योजना इस एक्सप्रेसवे का निर्माण तीन साल में पूरा करने की है। एक लाख करोड़ रुपये की परियोजना के कुल 60 पैकेज में से 32 का ठेका दिया भी जा चुका है।