नीति आयोग ने जारी किया राज्यों की सेहत का रिपोर्ट कार्ड, टॉप 3 स्थानों पर गैर-बीजेपी शासित राज्य
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 9, 2018 04:09 PM2018-02-09T16:09:54+5:302018-02-09T16:11:10+5:30
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कान्त ने कहा कि विभिन्न भारतीय राज्यों की हेल्थ इंडेक्स (स्वास्त्य सूचकांक) विश्व बैंक और भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों और फीडबैक के आधार पर तैयार किया गया है।
नीति आयोग ने शुक्रवार (नौ फरवरी) को राज्यों में स्वास्थ्य की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए अपनी तरह का पहला हेल्थी स्टेट्स प्रोग्रेसिव रिपोर्ट जारी की। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कान्त, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सदन और विश्व बैंक की भारत इकाई के कंट्री डायरेक्टर जुनैद अहमद ने ये रिपोर्ट जारी की। यह रिपोर्ट भारत के विभिन्न राज्यों की स्वास्थ्य स्थिति की सालाना समीक्षा और मूल्यांकन की दिशा में पहला कदम है।
नई दिल्ली में ये रिपोर्ट जारी करते हुए अमिताभ कान्त ने कहा कि विभिन्न भारतीय राज्यों की हेल्थ इंडेक्स (स्वास्त्य सूचकांक) विश्व बैंक और भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों और फीडबैक के आधार पर तैयार किया गया है। अमिताभ कान्त ने कहा, "राज्यों की स्थिति में होने वाले सुधार का अध्ययन करके हम बेहतर स्वास्थ्य सुविधा सुनिश्चित कर सकेंगे।"
नीति आयोग द्वारा जारी की गयी सूची में समेकित स्वास्थ्य के आधार पर देश में पहले तीन स्थान पर क्रमशः केरल, पंजाब और तमिलनाडु हैं। अगर बात स्वास्थ्य क्षेत्र में सालाना सुधार की करें तो सबसे अच्छा प्रदर्शन झारखण्ड, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश का रहा। छोटे राज्यों में मिजोरम का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा। गोवा और लक्षद्वीप भी सालाना सुधार के मामले में काफी बेहतर रहे।
बज़ट 2018 में वित्त मंत्री ने नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम की घोषणा की थी। नीति आयोग दो अक्टूबर तक इस स्कीम को आधिकारिक रूप से लॉन्च कर देना चाहता है। इस योजना के तहत पूरे देश में 10 करोड़ गरीब परिवारों को सालाना पाँच लाख रुपये प्रति परिवार तक का स्वास्थ्य बीमा देने की योजना है। केंद्र सरकार के अनुसार इस योजना के तहत करीब 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा लाभ मिल सकेगा।