आर्थिक राहत पैकेज: जानें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मजदूर, गरीब और किसानों को क्या दिया
By निखिल वर्मा | Published: May 14, 2020 04:54 PM2020-05-14T16:54:13+5:302020-05-14T17:08:09+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के भारी भरमक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की. वित्त मंत्री ने बुधवार को एमएसएमई सेक्टर को 3 लाख क्रेडिट फ्री लोन देने की घोषणा की है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की दूसरी किस्त में प्रवासी मजदूरों, फेरी वालों और छोटे किसानों को मिलने वाले लाभों के बारे में बताया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रेस कॉन्फ्रेंस की 10 मुख्य बातें
1. तीन करोड़ छोटे किसान पहले ही कम ब्याज दर पर चार लाख करोड़ रुपये का कर्ज ले चुके हैं
2. 25 लाख नये किसान क्रेडिट कार्डधारकों को 25,000 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया
3. मनरेगा में न्यूनतम मजदूरी पहले ही 182 से बढ़ाकर 202 रुपये की जा चुकी है. 2.33 करोड़ प्रवासी मजदूरों को पंचायतों में काम मिला है
4. शहरी गरीबों को एसडीआरएफ के जरिए 11,000 करोड़ रुपये की मदद की गई है
5. न्यूनतम मजदूरी दर निर्धारित की जाएगी, मजदूरों का सालाना हेल्थ चेकअप अनिवार्य होगा
6. सभी प्रवासी मजूदरों को दो महीने के लिए मुफ्त में अनाज दिया जाएगा, 8 करोड़ मजदूरों के लिए 3500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा
7.ग्रामीण इलाकों में मार्च और अप्रैल महीने में 63 लाख ऋण मंजूर किए गए, जो करीब 86 हजार 600 करोड़ रुपए का है
8.10 से कम कर्मचारियों वाली कंपनी में ESIC की सुविधा दी जाएगी
9.पूरे देश में एक ही राशन कार्ड चलेगा, 'एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड', हर राज्य में ये राशन कार्ड मान्य होगा
10.प्रधानमंत्री निवास योजना के तहत गरीबों को कम किराए में रहने के लिए घर मिलेगा
एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का गारंटी फ्री कर्ज
एमएसएमई के लिए 3 लाख करोड़ के गारंटी फ्री कर्ज का ऐलान वित्त मंत्री ने किया. इसके तहत 4 साल के लिए और 100 फीसदी गारंटी फ्री कर्ज दिया जाएगा. यह उन उद्योगों को मिलेगा, जिनका बकाया लोन 25 करोड़ से कम हो और टर्नओवर 100 करोड़ से ज्यादा ना हो. ऐसे उद्योगों को 10 महीने तक लोन चुकाने में छूट मिलती रहेगी.
31 अक्तूबर 2020 तक ही इस लोन के लिए आवेदन दिया जा सकता है. किसी भी तरह का अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा. सरकार के इस कदम से लगभग 45 लाख एमएसएमई को लाभ मिलेगा. यह क्षेत्र बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन करता है और अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है, इसलिए आर्थिक पैकेज का एक बड़ा हिस्सा इसे दिया गया है
ठेकेदारों को बड़ी राहत, प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए मिले 6 और माह
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सड़कों, रेलवे परियोजनाओं और अन्य कार्यों के ठेकेदारों को बड़ी राहत देते हुए उनके दायित्वों को पूरा करने की समयसीमा में 6 माह तक के विस्तार की घोषणा की है. रियल एस्टेट परियोजनाओं के मामले में भी उनके पंजीकरण से लेकर कार्य पूर्ण होने की तय समयसीमा को 6 माह के लिए बढ़ा दिया गया है. इस संबंध में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय राज्यों के नियामकीय प्राधिकरणों को जरूरी सुझाव और परामर्श भेजेगा.
इस विस्तार में निर्माण कार्य और माल एवं सेवाओं के अनुबंध वाले कार्यों के साथ ही कार्य पूरा करने का दायित्व, पहले हासिल किए जाने वाले पड़ावों और सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी के मामले में रियायती अवधि का विस्तार भी शामिल है. उन्होंने कहा कि ठेकेदारों के स्तर पर नकदी की तंगी को दूर करने के लिए सरकारी एजेंसियां उनकी आंशिक बैंक गारंटी को जारी कर सकती है. ठेकेदारों का जितना कार्य पूरा हुआ है, उसके अनुरूप उनकी बैंक गारंटी को मुक्त किया जा सकता है.
टीडीएस, टीसीएस दर में 25% की कमी
सरकार ने चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि के लिए देश के अंदर किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक भुगतान पर टीडीएस और टीसीएस दर 25 प्रतिशत कम कर दी है. गुरुवार से यह छूट वेतन को छोड़ कर अन्य प्रकार के भुगतानों पर लागू होगी. इससे करदाताओं के हाथ में 50,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी. वित्त मंत्री निर्मता सीतारमण ने आज कहा कि स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और स़्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) की दरों में वित्त वर्ष की शेष अवधि के दौरान 25 प्रतिशत की रियायत दी जाएगी.
सरकार ने बदली एमएसएमई की परिभाषा
नई परिभाषा में विनिर्माता और सेवा इकाई को एक श्रेणी में डाल दिया गया है. इसके अलावा उनका वर्गीकरण निवेश और टर्नओवर, दोनों आधार पर किया गया है. सूक्ष्म उद्यम 1 करोड़ तक निवेश और 5 करोड़ तक टर्नओवर वाली इकाइयां सूक्ष्म श्रेणी में आएंगी. पहले विनिर्माता क्षेत्र के लिए निवेश की सीमा 25 लाख और सेवा क्षेत्र के लिए निवेश की सीमा 10 लाख थी.
लघु उद्यम एक करोड़ से 10 करोड़ तक निवेश और 5 करोड़ से 50 करोड़ तक टर्नओवर (कारोबार आधारित मानदंड) वाली इकाइयां इस श्रेणी में आएंगी. पुरानी परिभाषा में विनिर्माता इकाई के लिए निवेश की सीमा 25 लाख से 5 करोड़ तक थी. सेवा क्षेत्र के लिए यह सीमा 10 लाख से 2 करोड़ तक थी.
मध्यम उद्यम 10-20 करोड़ तक निवेश और 50-100 करोड़ तक टर्नओवर वाली इकाइयां इस श्रेणी में आएंगी. पुरानी परिभाषा के तहत विनिर्माता इकाइयों के लिए निवेश सीमा 5-10 करोड़ के बीच और सेवा क्षेत्र के लिए यह सीमा 2-5 करोड़ के बीच है.
आयकर रिटर्न की तारीख 30 नवंबर तक बढ़ी
वर्ष 2020- 21 के दौरान आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दिया. इसके साथ ही कर विवादों के निपटान के लिए लाई गई 'विवाद से विश्वास योजना' का लाभ भी बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है. पिछले वित्त वर्ष के लिए इस आकलन वर्ष में भरी जाने वाली व्यक्तिगत आयकर रिटर्न और अन्य रिटर्न दोनों के लिए अंतिम तिथि 30 नवंबर 2020 तक बढ़ाने की घोषणा की. सरकार पांच लाख रुपए तक के 18,000 करोड़ रुपए तक रिफंड करदाताओ को कर चुकी है. यह रिफंड 14 लाख करदाताओं को किया गया.