गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर साहबजादों की कुर्बानी को पीएम मोदी ने किया याद, 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का ऐलान

By आजाद खान | Published: January 9, 2022 01:39 PM2022-01-09T13:39:49+5:302022-01-09T15:19:35+5:30

PM Modi ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह का जीवन और संदेश लाखों लोगों के लिए एक शक्ति का कारण बन गया है।

news new delhi pm modi announced to celebrate veer bal divas on 26 december every year pay tribute Guru Gobind Singh | गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर साहबजादों की कुर्बानी को पीएम मोदी ने किया याद, 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का ऐलान

गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर साहबजादों की कुर्बानी को पीएम मोदी ने किया याद, 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का ऐलान

Highlightsसिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर पीएम मोदी ने एक घोषणा की है।उन्होंने हर साल 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रुप में मनाने की बात कही है।इस मौके पर उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह समेत उनके पूरे परिवार को श्रद्धांजलि भी दी है।

नई दिल्ली: पीएम मोदी ने सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह (10th Guru of the Sikhs) की जयंती के अवसर पर एक बड़ा एलान किया है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हर साल भारत में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस (Veer Baal Diwas) के रुप में मनाया जाएगा। पीएम मोदी ने इस पर आगे बोलते हुए कहा, ‘श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के पावन अवसर पर, मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि इस वर्ष से, 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।’ बता दें कि अपने धर्म की रक्षा के लिए 26 दिसंबर 1704 को साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह शहीद हुए थे। इनकी ही याद में हर साल यह बाल दिवस मनाया जाएगा। 

क्या कहा पीएम मोदी ने

पीएम मोदी ने गुरु गोबिंद सिंह (10th Guru of the Sikhs) की जयंती पर उनको याद किया है। गुरु गोबिंद सिंह के साथ उनके परिवार वालों को भी पीएम मोदी ने याद किया और अपनी श्रद्धांजलि दी। इस पर उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ‘वीर बाल दिवस उसी दिन होगा जिस दिन साहिबजादा जोरावर सिंह जी और साहिबजादा फतेह सिंह जी शहीद हुए थे। इन दोनों महानुभावों ने धर्म के महान सिद्धांतों से विचलित होने के बजाय मृत्यु को प्राथमिकता दी।’ उन्होंने इस मौके पर लोगों को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व की बधाई भी दी और कहा कि इनका जीवन और इनके संदेश लाखों लोगों को शक्ति देता है।

क्या है 26 दिसंबर का इतिहास

बता दें कि गुरु गोविंद सिंह ने अपने धर्म को बचाने के लिए अपने पूरे परिवार को भी कुर्बान कर दिया था। मुगलों से लड़ते हुए गुरु गोविंद सिंह के दो बेटे शहीद हो गए थे। ऐसा कहा जाता है कि अजीत सिंह जब शहीद हुए थे तो उनका उम्र 18 साल था वहीं जुझार सिंह की उम्र 15 वर्ष बताई जाती है। इसके साथ गुरु गोविंद सिंह के दो और बेटों ने भी अपनी जान गवाई थी। मुगलों ने गुरु गोविंद सिंह के दो छोटे साहिबजादे, नौ वर्ष के जोरावर सिंह और छह वर्ष के फतेह सिंह को पहले धर्म बदलने के लिए बोला था, जब वे नहीं तैयार हुए तो उन्हें जिंदा दीवार में दफना दिया था। 
 

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