जापान के मंदिर में रखा अवशेष क्या सुभाष चंद्र बोस का ही है? DNA जांच के लिए नेताजी की बेटी उठाने जा रही हैं ये कदम
By विनीत कुमार | Published: August 18, 2022 02:20 PM2022-08-18T14:20:59+5:302022-08-18T14:28:54+5:30
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनिता बोस ने जापान के रेंकोजी मंदिर में रखे अवशेष के डीएनए टेस्ट की मांग की है। उन्होंने कहा है कि वह जल्द इस मांग के साथ भारत और जापान की सरकार से बात करेंगी।
कोलकाता: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनिता बोस फाफ ने कहा है कि वह टोक्यो के रेंकोजी मंदिर में रखे अवशेषों के डीएनए जांच के लिए भारत और जापान की सरकार से संपर्क करेंगी। उन्होंने कहा कि बोस की मृत्यु से जुडे रहस्यों को सुलझाने और अवशेष को भारत लाना ही उनके पिता के लिए देश की ओर से सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार अनिता बोस ने कहा, 'मैं नेताजी की बेटी के रूप में यह (रहस्य) अपने जीवनकाल में समाप्त करना चाहती हूं। मैं जल्द ही डीएनए परीक्षण करने के अनुरोध के साथ आधिकारिक तौर पर भारत सरकार से संपर्क करूंगी। मैं उनकी प्रतिक्रिया के लिए कुछ समय इंतजार करूंगी, अगर प्रतिक्रिया आती है तो अच्छी बात है। नहीं तो मैं जापानी सरकार से संपर्क करूंगी।'
अब जर्मनी में रह रहीं अनिता बोस ने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तब उन्होंने डीएनए परीक्षण के लिए भारत सरकार से संपर्क किया था, लेकिन कभी कोई जवाब नहीं मिला।
जर्मनी से टेलीफोन पर इंटरव्यू में अनिता बोस ने कहा, 'इस बार मैं ज्यादा देर नहीं करूंगी। कोविड की स्थिति ने पहले ही मामले में दो साल की देरी कर दी है। मैं समानांतर रूप से जापानी सरकार के संपर्क में रहूंगी। शुरू में जापानी सरकार ने अवशेष को रखने का फैसला किया क्योंकि उन्होंने सोचा था कि यह कुछ महीनों के लिए है। लेकिन अब 77 साल हो गए हैं।'
'भाजपा सरकार नेताजी का सम्मान कर रही है लेकिन.....'
अनिता बोस ने भारत में मौजूदा भाजपा सरकार को लेकर कहा कि ये नेताजी की विरासत का सम्मान करने के लिए अधिक काम कर रही है। हालांकि उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन साथ ही मुझे कोई कारण नहीं दिखता कि उन्हें मेरे दबाव के बिना पहल करनी चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'यह मेरे लिए कोई रहस्य नहीं है क्योंकि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि उनकी मृत्यु हवाई दुर्घटना में हुई थी। लेकिन, मैं चाहती हूं कि उनकी राख को उनकी मातृभूमि में वापस लाया जाए। मैं अपने पिता के लिए यह सेवा करना चाहती हूं।'
उन्होंने कहा कि तकनीक अब डीएनए परीक्षण जैसे साधन मुहैया करा रही है। बकौल अनित बोस, 'जिन लोगों को अभी भी संदेह है कि नेताजी की मृत्यु 18 अगस्त, 1945 को हुई थी या नहीं, यह वैज्ञानिक प्रमाण देने का अवसर प्रदान करता है कि टोक्यो के रेनकोजी मंदिर में रखे गए अवशेष उन्हीं के हैं।'
बता दें कि आजादी के बाद से भारत सरकार ने नेताजी के लापता होने के रहस्य को उजागर करने के लिए तीन जांच आयोगों का गठन किया। उनमें से दो - शाह नवाज आयोग और खोसला आयोग को कांग्रेस की सरकारों द्वारा बनाया गया था। इनकी जांच में यह निष्कर्ष निकला कि बोस की मृत्यु एक हवाई दुर्घटना में हुई थी।
वहीं, तीसरे - भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा गठित मुखर्जी आयोग ने कहा था कि नेताजी इसमें नहीं मरे। 2015 में पश्चिम बंगाल सरकार के गृह विभाग द्वारा रखे गए नेताजी पर 64 फाइलें जारी की गई थी। वहीं, 2016 में नरेंद्र मोदी सरकार ने नेताजी पर 100 फाइलें जारी की थी।