सुभाष चंद्र बोस की बेटी ने फिर लगाई मोदी-जापान सरकार से गुहार, भारत लाई जाएं पापा की अस्थियां
By भाषा | Published: August 19, 2018 02:17 PM2018-08-19T14:17:02+5:302018-08-19T14:18:58+5:30
बेटी ने कहा, ‘‘अपने पिता की 73 वीं पुण्यतिथि पर मैं भारत और जापान की सरकारों से अपना अनुरोध दोहराती हूं कि उनकी अस्थियों को विसर्जित करने के लिए उन्हें जापान से भारत भेजने की व्यवस्था की जाए।’’
नई दिल्ली, 19 अगस्तः नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनीता बोस फाफ ने भारत और जापान की सरकारों से एक बार फिर अपने पिता की अस्थियां स्वदेश लाने की अपील की है। अनीता के मुताबिक 18 अगस्त, 1945 को ताइवान में एक विमान दुर्घटना में नेताजी की मौत हो गई थी और सितंबर 1945 से तोक्यो के रेनकोजी मंदिर में उनकी अस्थियां संरक्षित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अपने पिता की 73 वीं पुण्यतिथि पर मैं भारत और जापान की सरकारों से अपना अनुरोध दोहराती हूं कि उनकी अस्थियों को विसर्जित करने के लिए उन्हें जापान से भारत भेजने की व्यवस्था की जाए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे पिता की आजाद भारत में लौटने की अभिलाषा थी जो दुर्भाग्य से पूरी नहीं हो पायी। इसलिए यह उचित होगा कि कम से कम उनकी अस्थियां आजाद भारत की मिट्टी का स्पर्श कर सकें। मेरे पिता एक सच्चे हिंदू थे। इस लिहाज से उनकी अस्थियां गंगा नदी में प्रवाहित करना प्रथा के अनुरूप होगा।’’
तोक्यो स्थित 115 साल पुराने जापान-इंडिया असोसिएशन के अध्यक्ष हिरोशी हीराबायाशी ने भी भारत सरकार से नेताजी की अस्थियों को स्वदेश भेजने की व्यवस्था करने का अनुरोध किया है।
गौरतलब है कि नेताजी के प्रति सम्मान दिखाने और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए रेनकोजी मंदिर में कल वर्षिक आयोजन किया गया था।