एनडीए सहयोगी और नीतीश सरकार में मंत्री मुकेश सहनी ने भाजपा को दी चेतावनी, कहा-बिहार की सियासत से बेदखल करेंगे
By एस पी सिन्हा | Published: January 2, 2022 07:42 PM2022-01-02T19:42:46+5:302022-01-02T19:44:12+5:30
बिहार भाजपा के उपाध्यक्ष और सांसद अजय निषाद ने आज खुली चेतावनी दी है. सांसद निषाद ने मुकेश सहनी को उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा का वोट काटने की राजनीति से बाज आने की नसीहत दी है.
पटनाः उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीतिक जमीन तैयार कर रहे विकासशील इंसान पार्टी(वीआईपी) के प्रमुख व बिहार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी को भाजपा ने बिहार की सियासत से बेदखल कर देने की खुली चेतावनी दे दी है. दरअसल, मुकेश सहनी मल्लाह वोट बैंक की राजनीति कर उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी की जड़ें जमाना चाहते हैं.
इससे नाराज बिहार भाजपा के उपाध्यक्ष और सांसद अजय निषाद ने आज खुली चेतावनी दी है. सांसद निषाद ने मुकेश सहनी को उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा का वोट काटने की राजनीति से बाज आने की नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि मुकेश सहनी 2-4 हजार वोट काटने वाले वोटकटवा बन सकते हैं. इसके अलावा कुछ और नहीं.
वे बिहार से खुद यूपीए और एनडीए दोनों से चुनाव लडे़ और दोनों ही बार बुरी तरह हार गए. मुकेश सहनी का बिहार में कोई जनाधार नहीं है और उत्तर प्रदेश में हवाई दावे कर रहे हैं. सांसद ने कहा कि मुकेश सहनी यूपी में चुनाव लड कर वोट काटने की रणनीति से पीछे नहीं हटते हैं तो बिहार की राजनीति से बेदखल होने को तैयार रहें.
मुकेश सहनी को मुजफ्फरपुर के बोचहां विधानसभा सीट से हाथ धोना पड़ सकता है. दरअसल, बोचहां विधानसभा सीट से मुकेश सहनी की पार्टी के विधायक मुसाफिर पासवान हुआ करते थे. मुसाफिर पासवान का बीमारी के कारण निधन हो चुका है. अब वहां उप चुनाव होना है. भाजपा सांसद ने कहा कि बोचहां पहले से ही भाजपा की सीट रही है और उनकी पार्टी यहां से बेहतर प्रदर्शन करने को तैयार है.
उन्होंने कहा कि यदि मुकेश सहनी योगी-योगी नहीं करना बन्द नहीं करेंगे तो बोचहां ही नहीं पूरे बिहार में उनकी राजनीति खत्म कर दी जायेगी. अजय निषाद ने मुकेश सहनी और जीतन राम मांझी की युगलबंदी पर भी हमला बोलते हुए कहा कि मुकेश सहनी मांझी जी के साथ मिलकर भाजपा को डंवाडोल करने का दावा कर रहे हैं. लेकिन उन्हें हकीकत का अहसास नहीं है.
भाजपा सांसद ने कहा कि दो कमजोर जानवर शेर का शिकार नहीं कर सकते हैं. भाजपा शेर है. वहीं मुकेश सहनी कमजोर जानवर की तरह है. दो कमजोर जानवर मिलकर शेर का शिकार थोडे कर पायेंगे? वैसे उन्होंने यह भी कहा कि जीतन राम मांझी को भाजपा पर्याप्त सम्मान देती है.
उधर, सांसद अजय निषाद के इस बयान पर वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने हमला बोलते हुए कहा कि अजय निषाद खुद निषाद जाति से हैं और निषाद होकर निषाद आरक्षण का विरोध कर रहे हैं. यह कितनी दुर्भाग्यपूर्ण बात है. उनको तो मुकेश सहनी के साथ आकर निषाद समाज को आरक्षण दिलाने के लिए लडाई लडनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि अजय निषाद अपने पिताजी स्व. जयनारायण निषाद के बलबूते राजनीति कर रहे हैं. इसके विपरित मुकेश सहनी का राजनीति में कोई गॉड फादर नही है. निषाद समाज का समर्थन और विश्वास ने मुकेश सहनी को निषाद समाज का सबसे बड़ा नेता बनाया है. सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि पूरा देश आज उन्हे "सन ऑफ मल्लाह" के नाम से जानता है.