महाराष्ट्रः NCP की कोर कमिटी की बैठक खत्म, पार्टी नेता नवाब मलिक ने कहा- कांग्रेस के साथ चर्चा के बाद ही लेंगे फैसला
By रामदीप मिश्रा | Published: November 17, 2019 07:52 PM2019-11-17T19:52:11+5:302019-11-17T19:52:11+5:30
महाराष्ट्रः 288 सीटों सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का रिजल्ट 24 अक्टूबर घोषित हुआ था, जिसमें 105 सीटें जीतते हुए बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। राज्य के चुनाव में शिवसेना को 56 सीटें मिलीं।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर खींचतान लगातार जारी है। रविवार (17 नवंबर) को पुणे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार के आवास पर पार्टी कोर कमिटी की बैठक आयोजित की गई। बैठक के बाद कहा गया है पार्टी ने सोचा है कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन खत्म हो और वैकल्पिक सरकार का गठन हो।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, एनसीपी की कोर कमेटी की बैठक में शामलि होने वाले पार्टी नेता नवाब मलिक ने कहा है कि बैठक के बाद हम इस नतीजे पर पहुँचे हैं कि राष्ट्रपति शासन को महाराष्ट्र में समाप्त होना चाहिए और एक वैकल्पिक सरकार का गठन किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमने तय किया है कि कांग्रेस के साथ चर्चा के बाद ही अगला फैसला लिया जाएगा। कल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पवार साहब एक बैठक करेंगे और परसों दोनों दलों के नेताओं की बैठक होगी।
Nawab Malik, NCP: We have decided that next decision will be taken only after discussion with Congress. Tomorrow Congress President Sonia Gandhi and Pawar Sahab will hold a meeting and day after tomorrow leaders of both the parties will meet. https://t.co/TQ1ib7FMAg
— ANI (@ANI) November 17, 2019
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में कृषि संकट पर चर्चा के लिये राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना नेताओं की शनिवार को होने वाली मुलाकात टाल दी गई थी। तीनों पार्टियां राज्य में गठबंधन सरकार बनाने के लिये फिलहाल आपस में बातचीत कर रही हैं। राज्य में 12 नवंबर से राष्ट्रपति शासन लागू है।
आपको बता दें कि 288 सीटों सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का रिजल्ट 24 अक्टूबर घोषित हुआ था, जिसमें 105 सीटें जीतते हुए बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। राज्य के चुनाव में शिवसेना को 56 सीटें मिलीं। इसके अलावा राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं। प्रदेश की 288 सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के लिये 145 विधायकों का समर्थन जरूरी है। मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच जमकर खींचतान हुई और दोनों पार्टियों में तालमेल नहीं बन सका।