लोकसभा चुनावः NCP ने जारी की उम्मीदवारों की लिस्ट, शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले बारामती से लड़ेंगी चुनाव
By रामदीप मिश्रा | Published: March 14, 2019 04:20 PM2019-03-14T16:20:29+5:302019-03-14T17:42:01+5:30
एनसीपी ने सुप्रिया सुले को बारामती, संजय दीना पाटिल को मुंबई उत्तर-पूर्व, आनंद परांजपे को ठाणे, सुनील ठाकरे को रायगढ़ और मोहम्मद फैजल को लक्षद्वीप लोकसभा सीट से टिकट दी है।
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार (14 मार्च) को पांच उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है, जिसमें पार्टी प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को बारामती से मैदान में उतारा गया है। वही, पार्टी ने स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के राजू शेट्टी के लिए हटकनंगले लोकसभा सीट छोड़ दी है और उन्हें इस सीट पर समर्थन देने के लिए कहा है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, एनसीपी ने सुप्रिया सुले को बारामती, संजय दीना पाटिल को मुंबई उत्तर-पूर्व, आनंद परांजपे को ठाणे, सुनील ठाकरे को रायगढ़ और मोहम्मद फैजल को लक्षद्वीप लोकसभा सीट से टिकट दी है।
NCP announces a list of candidates for #LokSabhaElections2019 including Supriya Sule from Baramati, Sanjay Dina Patil from Mumbai North East, Anand Paranjpe from Thane, Sunil Tatkare from Raigad. Mohammad Faisal from Lakshwadeep.
— ANI (@ANI) March 14, 2019
इससे पहले बुधवार (13 मार्च) कांग्रेस ने महाराष्ट्र की पांच सीटों के लिए अपने उम्मीदवार घोषित किए थे। महाराष्ट्र में सोलापुर संसदीय क्षेत्र से पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंद चुनाव लड़ेंगे। इसके साथ ही अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले को नागपुर से उम्मीदवार बनाया गया।
मशहूर फिल्म अभिनेता सुनील दत्त की पुत्री एवं पूर्व सांसद प्रिया दत्त को मुंबई उत्तर-मध्य से टिकट दिया गया है। दअरसल, प्रिया दत्त ने पहले चुनाव लड़ने से मना किया था, लेकिन हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कहने पर वह चुनावी समर में फिर से उतरने के लिए तैयार हुईं। पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा को मुंबई दक्षिण से चुनाव लड़ेंगे तो गढ़चिरौली- चिमूर से नामदेव दल्लूजी उसेंदी को उम्मीदवार बनाया गया है।
28 सालों से पवार परिवार का कब्जा
महाराष्ट्र की हाईप्रोफाइल बारामती संसदीय सीट के अंतर्गत विधानसभा के 6 क्षेत्र हैं। आपातकाल से पहले हुए चुनाव तक (1957 से 1977) कांग्रेस का इस सीट पर कब्जा रहा है। आपातकाल के बाद हुए 1977 लोकसभा चुनाव में भारतीय लोकदल ने जीत हासिल की। हालांकि इंदिरा गांधी ने जब 1980 के चुनाव में केंद्र में फिर वापसी की तो यह सीट फिर कांग्रेस के खाते में आ गई। 1984 में देश में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए चुनाव में देश में कांग्रेस की जबरदस्त लहर चली लेकिन यह सीट कांग्रेस (सोशलिस्ट) जीतने में सफल रही।
1985 उप-चुनाव में जनता पार्टी विजयी रही। कांग्रेस के खाते में यह सीट 10 साल बाद 1991 में आई। इसके लगातर कांग्रेस प्रत्याशी 1996 और 1998 में विजयी रहे। 1999 में ही कांग्रेस पार्टी को तोड़कर शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठन किया है। इसके बाद से यह सीट एनसीपी के खाते में हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले इस सीट से चुनाव जीतकर संसद में पहुंचीं।
1984 में इस सीट से एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार पहली बार भारतीय कांग्रेस (समाजवादी) से सांसद बने। लेकिन एक साल ही कांग्रेस पार्टी ने उन्हें महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बना दिया। उपचुनाव में यह सीट कांग्रेस के खाते से निकल गई और जनता पार्टी के संभाजीराव काकाडे सांसद बने। 1989 में कांग्रेस से शंकरराव पाटील और फिर 1991 में शरद पवार के भतीजे अजीत पवार सांसद बने। इसके बाद से 28 सालों से इस सीट पर पवार परिवार का ही कब्जा रहा।