एनसीबी ने वसूली के दावों की जांच के आदेश दिए; मलिक ने फिर वानखेड़े पर बोला हमला

By भाषा | Updated: October 25, 2021 22:30 IST2021-10-25T22:30:25+5:302021-10-25T22:30:25+5:30

NCB orders inquiry into recovery claims; Malik again attacked Wankhede | एनसीबी ने वसूली के दावों की जांच के आदेश दिए; मलिक ने फिर वानखेड़े पर बोला हमला

एनसीबी ने वसूली के दावों की जांच के आदेश दिए; मलिक ने फिर वानखेड़े पर बोला हमला

मुंबई/नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने क्रूज़ जहाज से मादक पदार्थ बरामदगी मामले में आरोपी आर्यन खान को छोड़ने के लिए एनसीबी की मुंबई क्षेत्रीय इकाई के निदेशक समीर वानखेड़े और कुछ अधिकारियों द्वारा 25 करोड़ रुपये मांगने संबंधी एक गवाह के दावे पर सतर्कता जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और मंत्री नवाब मलिक ने सोमवार को एक बार फिर वानखेड़े पर हमला बोला।

इस बीच, एनसीबी ने विशेष अदालत के समक्ष दाखिल हलफनामे में कहा कि वानखेड़े और अन्य अधिकारियों का सेवा रिकॉर्ड बेदाग रहा है, लेकिन वानखेड़े पर वसूली के आरोप लगाने वाले स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सैल के हलफनामे के संबंध में अदालत से कोई राहत नहीं मिल सकी। वहीं, अपनी जान को खतरा होने का दावा करने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने सैल को पुलिस सुरक्षा मुहैया करायी है।

एनसीबी के उत्तरी क्षेत्र के उप महानिदेशक (डीडीजी) ज्ञानेश्वर सिंह सतर्कता जांच करेंगे।

एनसीबी और वानखेड़े ने वसूली के आरोपों को लेकर विशेष अदालत में दो अलग-अलग हलफनामे दाखिल किए। मामले में स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सैल ने रविवार को एक हलफनामे में और फिर पत्रकारों के सामने दावा किया था कि एनसीबी के एक अधिकारी और कुछ अन्य लोगों ने मामले में आरोपी आर्यन खान को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की थी।

इस बीच, एक संबंधित घटनाक्रम में, बॉलीवुड अभिनेत्री अनन्या पांडे मादक पदार्थ से संबंधित एक मामले में गिरफ्तार आर्यन खान के साथ कथित व्हाट्सऐप चैट के संबंध में पूछताछ के लिए एनसीबी के समक्ष पेश नहीं हुयीं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

आर्यन बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के पुत्र हैं। एनसीबी ने पिछले हफ्ते अनन्या से दो दिन पूछताछ की थी और उन्हें सोमवार को फिर बुलाया गया था।

एजेंसी ने कहा, ‘‘यह दृढ़ता से कहा जाता है कि एक संगठन के तौर पर एनसीबी और या उसके अधिकारियों, क्षेत्रीय निदेशक, जिनका त्रुटिहीन सेवा रिकॉर्ड है, ईमानदारी और सत्यनिष्ठा से परिपूर्ण है तथा उनका कोई निहित स्वार्थ नहीं है जैसा कि कथित हलफनामे (गवाह के) में झूठा आरोप लगाया गया है।’’

इस बीच, राकांपा नेता मलिक ने नांदेड में एक समाचार चैनल से बातचीत में दावा किया कि वानखेड़े जन्म से एक मुसलमान हैं। उन्होंने कहा, ‘‘एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक वानखेड़े का नाम ‘समीर दाऊद वानखेड़े’ है और वह जन्म से मुसलमान हैं। मैंने उनका जन्म प्रमाणपत्र ऑनलाइन प्रकाशित किया है। मुझे इसे ढूंढने के लिए मशक्कत करनी पड़ी...उन्होंने फर्जी प्रमाणपत्र पर आईआरएस की नौकरी हासिल की...मैं उनके ‘फर्जीवाड़े’ के ऐसे और कारनामे उजागर करूंगा।’’

भारतीय राजस्व सेवा के 2008 बैच के अधिकारी वानखेड़े ने मंत्री की आलोचना करते हुए कहा कि उनका यह कदम अपमानजनक और उनके परिवार की निजता पर हमला है। उन्होंने कहा कि मंत्री द्वारा बिना कोई स्पष्टीकरण दिए इस तरह के निजी अपमानजनक और निंदात्मक हमलों से वह दुखी हैं।

वानखेड़े ने एक बयान में कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों में मंत्री ने जो काम किए हैं, उसने मुझे और मेरे परिवार को अत्यधिक मानसिक और भावनात्मक दबाव में ला दिया है।’’

इस बीच, महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने मुंबई में कहा कि स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सैल को पुलिस सुरक्षा दी गई है।

एक अधिकारी ने बताया कि सैल सुबह मुंबई पुलिस आयुक्त कार्यालय गया और संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मिलिंद भरांबे से मुलाकात की। बाद में उसने मुंबई के सहार थाने से संपर्क कर मांग की कि जब भी वह सहार गांव में अपनी पत्नी, बच्चों एवं सास से मिलने आए तो उसे सुरक्षा दी जाए।

एक विशेष अदालत ने कहा कि क्रूज जहाज पर मादक पदार्थ की जब्ती मामले में एक स्वतंत्र गवाह के हलफनामे पर अदालतों को संज्ञान लेने से रोकने के लिए वह व्यापक आदेश नहीं दे सकती।

विशेष न्यायाधीश वी वी पाटिल ने हलफनामे का निपटारा करते हुए कहा कि इस तरह के व्यापक आदेश पारित नहीं किए जा सकते। अदालत ने कहा, ‘‘आवेदनों (हलफनामों) में मांगी गयी राहत की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए, ऐसा कोई व्यापक आदेश पारित नहीं किया जा सकता है। यह संबंधित अदालत या प्राधिकरण पर है कि वह संबंधित चरण में उचित आदेश पारित करे।’’

अदालत ने कहा कि यह मामला बंबई उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है, जो मंगलवार को आर्यन खान (23) और अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इसलिए, अदालत ऐसा कोई आदेश नहीं पारित कर सकती, जैसा अनुरोध किया गया है। इसलिए, आवेदनों का निपटारा किया जाता है।

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