बिहार में लाल आतंक के तार पाकिस्तान से भी जुड़े होने की संभावना, पुलिस जांच में जुटी
By एस पी सिन्हा | Published: January 28, 2019 05:47 PM2019-01-28T17:47:43+5:302019-01-28T17:47:43+5:30
बताया जाता है कि घटनास्थल से मिले खाली कारतूस को लेकर पुलिस भी सकते में है. इस मामले में एएसपी अभियान कुमार आलोक ने भी नक्सलियों के आतंकी कनेक्शन की आशंका से इनकार नहीं किया है.
बिहार में नक्सलियों का आतंकी कनेक्शन सामने आया है. सूबे के नवादा में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया, जबकि इससे संबंधित प्राथमिकी में 10 को नामजद किया गया है. मुठभेड़ के बाद चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ है कि बिहार में लाल आतंक के तार पाकिस्तान से भी जुड़े हुए हैं. नक्सलियों के साथ पुलिस की हुई मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से जो खाली कारतूस मिले हैं उन पर उर्दू में शब्द लिखे हुए हैं. ऐसे में इस बात की आशंका जताई जा रही है कि नक्सलियों के तार आतंकी संगठन आईएसआई या फिर पाकिस्तान से जुड़े हैं.
बताया जाता है कि घटनास्थल से मिले खाली कारतूस को लेकर पुलिस भी सकते में है. इस मामले में एएसपी अभियान कुमार आलोक ने भी नक्सलियों के आतंकी कनेक्शन की आशंका से इनकार नहीं किया है.
उन्होंने बताया कि घटनास्थल से बरामद खाली कारतूसों की पड़ताल जारी है. पुलिस फिलहाल ये जानने की कोशिश कर रही है कि उर्दू में आखिर लिखा क्या है? भारत में कारतूस पर अंग्रेजी में नंबर रहते हैं. ये नंबर कारतूस बनाने वाली कंपनी, निर्माण वर्ष आदि को दर्शाता है. लेकिन नवादा जिले में यह पहली बार हुआ है जब खोखे पर उर्दू में अंक हैं. यह खोखा एके-47 राइफल का बताया जा रहा है.
सुरक्षा बल के अधिकारियों को आशंका है कि इसका निर्माण पाकिस्तान में हुआ होगा. नवादा के एएसपी (अभियान) कुमार आलोक कहते हैं कि मुठभेड स्थल से बरामद खोखे और उसपर उर्दू में लिखे अंकों आदि के संबंध में की पड़ताल की जा रही है. प्रथमदृष्टया नक्सलियों का पाकिस्तानी खुफिया संगठन आइएसआइ से कनेक्शन प्रतीत हो रहा है.
उल्लेखनीय है कि 24 जनवरी को नक्सलियों के साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़ हुई थी. उसी स्थान पर हार्डकोर नक्सली प्रद्युम्न शर्मा अपने अन्य साथियों के साथ मौजूद था, जबकि पांच सौ मीटर नीचे कुछ नक्सली बतौर संतरी उसकी सुरक्षा में खड़े थे.
सूत्र बताते हैं कि प्रद्युम्न कुछ महीने पहले नक्सली संगठन की मीटिंग में भाग लेने आंध्र प्रदेश गया था. वहां कई दिनों तक रहकर संगठन की गतिविधियों की रणनीति तैयार करने के बाद वह लौटा है. आंध्र प्रदेश के शीर्षस्थ नक्सली नेताओं का आतंकी संगठनों से भी नाता होता है. ऐसे में उम्मीद है कि प्रद्युम्न को आतंकी संगठनों ने हथियार और कारतूस मुहैया कराया है. उक्त मुठभेड़ में एक नक्सली ढेर हो गया, जबकि प्रद्युम्न शर्मा उर्फ कुंदन उर्फ साकेत उर्फ अनीश (जहानाबाद) सहित 10 नक्सली नामजद किए गए हैं.