कोरोना के बहाने पेट्रोलिंग बंद कराने की मांग कर रहे नक्सली, आदिवासियों को लामबंद करने के लिए जारी किया पत्र

By फहीम ख़ान | Published: July 9, 2020 06:57 AM2020-07-09T06:57:46+5:302020-07-09T08:40:22+5:30

कोरोना महामारी के बीच नक्सलियों ने पत्र लिखकर कहा है कि पुलिस और अर्धसैनिक बलों को पेट्रोलिंग रोक देनी चाहिए। उनका कहना है कि इससे जंगल और आदिवासी इलाकों में कोरोना फैल सकता है।

Naxal demands to stop petroling by police and Paramilitary forces on pretext of Coronavirus infection | कोरोना के बहाने पेट्रोलिंग बंद कराने की मांग कर रहे नक्सली, आदिवासियों को लामबंद करने के लिए जारी किया पत्र

पेट्रोलिंग बंद कराने की मांग कर रहे नक्सली (फाइल फोटो)

Highlightsनक्सलियों ने पुलिस और अर्धसैनिक बलों से पेट्रोलिंग बंद करने की मांग की, पत्र जारी कर रखी मांगकम होती पैठ के बीच आदिवासियों को भी भड़काने में जुटे नक्सली, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सरकार पर लगाए कई आरोप

घने जंगलों में अर्धसैनिक बल और पुलिस से परेशान नक्सलियों ने आदिवासियों के नाम एक पत्र जारी कर नक्सल इलाकों में पेट्रोलिंग बंद करने की मांग की है। नक्सली संगठनों ने इसके लिए कोविड संक्रमण फैलने का बहाना बनाया है। संगठन के अनुसार जंगल और आदिवासी इलाकों में यदि यूं ही पेट्रोलिंग जारी रही तो वहां पर भी संक्रमण फैल सकता है।

नक्सली संगठन ने अपने पत्र में आदिवासियों से कहा है कि कोविड का संक्रमण तेजी से अर्धसैनिक बलों और पुलिस के जवानों में भी बढ़ने लगा है। ऐसे में इन जवानों की नियमित की जाने वाली पेट्रोलिंग को बंद करते हुए उन्हें बैरक में ही रखा जाना चाहिए। इनकी वजह से आदिवासी गांवों में संक्रमण फैलने का खतरा है।

नक्सलियों को फिर याद आए आदिवासी

इस पत्र में नक्सलियों ने 9 अगस्त को विश्व आदिवासी मूलनिवासी दिवस मनाने की अपील की है। उनका कहना है कि सरकारों ने आदिवासी अस्तित्व और अस्मिता को खत्म कर दिया है। इसके खिलाफ आदिवासीयों से आवाज बुलंद करने की अपील की गई है।

पत्र के आरंभ में ही नक्सली संगठन ने केंद्र, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की राज्य सरकारों को जन विरोधी सरकार करार देते हुए उन पर आदिवासी अस्मिता को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।

नक्सली संगठन का कहना है कि आदिवासी ग्राम सभाओं के अधिकारी के दायरे को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन दूसरी ओर केंद्र सरकार पेसा कानून के माध्यम से ग्राम सभाओं के अधिकार कम करने में जुटी है, वहीं राज्य सरकारें ग्राम सभाओं का गठन कर जनविरोधी मुखियाओं के हाथ में इसका नेतृत्व देने की कोशिश कर रही हैं।

पुलिस और अर्धसैनिक बलों की पहुंच हुई गहरी

नक्सलियों की ओर से आरोप लगाया गया है कि सरकार वनाधिकार कानून में प्रस्तावित संशोधनों के माध्यम से आदिवासियों को जंगल पर उनके अधिकारों से वंचित करने की कोशिश कर रही हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों से नक्सली संगठनों की आदिवासी इलाकों में पैठ कम हुई है। जिसका ये नतीजा हुआ है कि आदिवासियों की मदद से पुलिस और अर्धसैनिक बल नक्सलियों पर भारी पड़ने लगे हैं।

वहीं, नागपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक के. एम. मल्लिकार्जुन प्रसन्ना ने कहा कि ये नक्सलियों के पैंतरे हैं। उन्होंने कहा, पुलिस और अर्धसैनिक बलों में यदि कोविड संक्रमित मिलता है तो उसे तुरंत इलाज के लिए भेजा जा रहा है। जहां तक हमारे पेट्रोलिंग की वजह से संक्रमण फैलने की बात है तो ये असंभव है। इस संक्रमण काल में भी नक्सल ऑपरेशन जारी है। हम अपने ऑपरेशन बंद नहीं कर सकते।

English summary :
Naxalites, who are troubled by paramilitary forces and police in dense forests, have issued a letter to the tribals demanding a stop to petrol in Naxal areas. Naxalite organizations have used this as an excuse to spread the Kovid infection.


Web Title: Naxal demands to stop petroling by police and Paramilitary forces on pretext of Coronavirus infection

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