नेशनल हेरल्ड मामले में दिल्ली दफ्तर सहित 12 जगहों पर ED ले रही तलाशी, AJL मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी से हो चुकी है पूछताछ
By विनीत कुमार | Published: August 2, 2022 12:15 PM2022-08-02T12:15:41+5:302022-08-02T15:00:20+5:30
राहुल गांधी और सोनिया गांधी से पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को नेशनल हेरल्ड के दफ्तरों में तलाशी ली। दिल्ली के आईटीओ स्थित ऑफिस के साथ-साथ कुछ और जगहों पर भी ईडी की टीम पहुंची है।
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम नेशनल हेरल्ड के कार्यालय में जांच के लिए पहुंची है। ईडी की टीम मंगलवार सुबह दिल्ली के आईटीओ में स्थित नेशनल हेरल्ड के ऑफिस पहुंची। ITO स्थित हेरल्ड हाउस में नेशनल हेरल्ड (इंग्लिश), नवजीवन (हिन्दी) और कौमी आवाज (उर्दू) के दफ्तर हैं। नेशनल हेरल्ड मामले में ED सोनिया गांधी और राहुल गांधी से कई घण्टों लम्बी पूछताछ कर चुकी है।
वहीं, न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार ईडी दिल्ली के अलावा 12 जगहों पर भी कथित नेशनल हेरल्ड धन शोधन मामले में तलाशी ले रही है। इससे पहले नेशनल हेरल्ड अखबार से जुड़े कथित धन शोधन के मामले में ईडी ने जुलाई के आखिरी हफ्ते में सोनिया गांधी से तीन दिन में 11 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। सूत्रों के अनुसार सोनिया ने ईडी के करीब 100 सवालों का सामना किया।
कांग्रेस ने हालांकि पार्टी नेतृत्व के खिलाफ ईडी की कार्रवाई की निंदा की थी और इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई और उत्पीड़न करार दिया था।
ईडी द्वारा पिछले साल धनशोधन रोधी अधिनियम (पीएमएलए) के तहत नए सिरे से आपराधिक मामला दर्ज किए जाने के बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ का कदम उठाया गया था। ईडी ने यह मामला निचली अदालत द्वारा आयकर विभाग की ओर से यंग इंडियन के खिलाफ की गई जांच पर संज्ञान लेने के बाद दर्ज किया।
नेशनल हेरल्ड से जुड़ा विवाद क्या है?
नेशनल हेरल्ड अखबार की शुरुआत जवाहर लाल नेहरू द्वारा आजादी से पहले शुरू की गई थी। इस एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा प्रकाशित किया जाता है। एसोशिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (The Associated Journals Limited) कंपनी की स्थापना 20 नवंबर 1937 को हुई थी।
एजेएल नेशनल हेरल्ड (इंग्लिश), नवजीवन (हिन्दी) और कौमी आवाज (उर्दू) अखबार और डिजिटल न्यूसाइटों का संचालन करता है। सत्यम गंगाराम पित्रोदा, अरविन्द मायाराम, पवन कुमार बंसल, मल्लिकार्जुन खड़गे, सुमन दुबे और प्रशान्त चंद्र सेन इस कम्पनी के निदेशक हैं।
एजेल अब यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व में है। साल 2008 में घाटे की वजह से एजेएल के पब्लिकेशन बंद करने पड़े। कंपनी पर तब तक 90 करोड़ रुपये का कर्ज चढ़ गया था। साल 2010 में फिर 'यंग इंडियन' नाम से एक कंपनी बनाई गई। यंग इंडियन कंपनी में सोनिया और राहुल गांधी की 38-38 फीसदी की हिस्सेदारी है। इस कंपनी को कांग्रेस से 90 करोड़ का ऋण मिला और फिर इसने 'एजेएल' का अधिग्रहण कर लिया।
इसके बाद भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में एक याचिका दायर कर कांग्रेस के नेताओं पर 'धोखाधड़ी' का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया 'यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड' ने केवल 50 लाख रुपयों में नई कंपनी बनाकर 'एजेएल' की 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति को हड़पने की कोशिश की।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल फरवरी में स्वामी की याचिका पर सोनिया, राहुल को उनके जवाब के लिए नोटिस जारी किया था। याचिका में निचली अदालत में इस मामले में सबूत पेश करने का अनुरोध किया गया था। सोनिया, राहुल ने 2015 में अलग-अलग 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि अदा करने के बाद अदालत से जमानत हासिल की थी।
हालांकि, गांधी परिवार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में दलील दी कि स्वामी की याचिका गलत तथ्यों पर आधारित है। स्वामी द्वारा दर्ज कराए गए इस मामले में अन्य आरोपी सुमन दुबे और सैम पित्रोदा हैं। वे पूर्व में कह चुके हैं कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया।