सबरीमाला मंदिर मामलाः महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले फैसले पर SC में दायर की गई पुनर्विचार याचिका
By स्वाति सिंह | Published: October 8, 2018 11:24 AM2018-10-08T11:24:21+5:302018-10-08T11:24:21+5:30
केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का रास्ता सुप्रीम कोर्ट (एससी) ने खोल दिया था, जिसके बाद से विभिन्न हिंदू संगठन नाराज हैं।
केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ नेशनल अय्यप्पा डिवोटी एसोसिएशन ने सोमवार (8 अक्टूबर ) को पुनर्विचार याचिका दायर की है।
Supreme Court verdict over women's entry in Kerala's #SabarimalaTemple: National Ayyappa Devotee association files a review petition in the Supreme Court challenging the earlier verdict of the Court.
— ANI (@ANI) October 8, 2018
केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का रास्ता सुप्रीम कोर्ट (एससी) ने खोल दिया था, जिसके बाद से विभिन्न हिंदू संगठन नाराज हैं और अब वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में सड़कों पर उतरने लगे हैं।
सैकड़ों अयप्पा श्रद्धालुओं ने मंगलवार (03 अक्टूबर) को केरल के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन भी किया था। उन्होंने वहां सड़कों को जाम कर दिया था।
बता दें, 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था, जिसमें चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी थी।
इसमें चार लोगों ने बहुमत से फैसला सुनाया था, जबकि इंदु मल्होत्रा की राय अलग थी।
कोर्ट के फैसले से पहले सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर रोक थी। सबरीमाला मंदिर की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया था कि 10 वर्ष से लेकर 50 वर्ष तक की महिलाएं मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकती हैं। जिन महिलाओं की उम्र 50 से अधिक है वह दर्शन के लिए आते वक्त अपने साथ आयु प्रमाण पत्र लेकर आएं।