बलात्कारी नारायण सांई को कोर्ट आज सुनाएगी सजा, महिला भक्त से रेप करने का पाया गया दोषी
By रामदीप मिश्रा | Published: April 30, 2019 08:42 AM2019-04-30T08:42:28+5:302019-04-30T08:42:28+5:30
कोर्ट ने नारायण सांई के अलावा तीन महिलाओं सहित चार सहयोगियों को भी दोषी पाया है। सांई को आईपीसी के धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक दुराचार), 323 (हमला), 506-2 (आपराधिक धमकी) और 120-ख(षडयंत्र) के तहत दोषी पाया गया है।
जेल में बंद आसाराम के बेटे नारायण सांई को साल 2013 में अपनी एक महिला भक्त के साथ बलात्कार के एक मामले में दोषी पाया जा चुका है और उसे आज गुजरात के सूरत जिले की सत्र अदालत सजा सुनाएगी। कोर्ट ने 26 अप्रैल को नारायण सांई को इस मामले में दोषी करार दिया था। वह इस समय लाजपोर जेल में बंद है।
कोर्ट ने नारायण सांई के अलावा तीन महिलाओं सहित चार सहयोगियों को भी दोषी पाया है। सांई को आईपीसी के धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक दुराचार), 323 (हमला), 506-2 (आपराधिक धमकी) और 120-ख(षडयंत्र) के तहत दोषी पाया गया है। इस मामले में कुल 11 अभियुक्त थे और इनमें से छह को बरी कर दिया गया। अपर सत्र न्यायाधीश पीएस गढ़वी दोषियों को आज सजा सुनाएंगे।
बता दें, बलात्कार के लिए कम से कम दस साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। सांई के सहयोगियों धर्मिष्ठा उर्फ गंगा, भावना उर्फ जमुना और पवन उर्फ हनुमान को साजिश रचने का दोषी पाया गया। सांई का ड्राइवर राजकुमार उर्फ रमेश मल्होत्रा को आईपीसी की धारा 212 (हमलावर को शरण देना) के तहत दोषी पाया गया।
साधिका कही जाने वालीं गंगा और जमुना पर आरोप था कि उन्होंने पीड़िता को गलत तरीके से कैद करके रखा और सांई के निर्देश पर उससे मारपीट की। उन पर यह भी आरोप लगाया गया था कि उन्होंने सांई के साथ रिश्ता कायम करने के लिए पीड़िता का ब्रेनवॉश किया।
‘साधक’ हनुमान पर पीड़िता को बहलाने सहित सांई के कमरे में ले जाने का आरोप था। सूरत पुलिस ने सांई के खिलाफ 2014 में 1,100 पन्नों का आरोप पत्र दायर किया था। साल 2013 में आसाराम की गिरफ्तारी के बाद सूरत की दो बहनों ने 2013 में पुलिस में दर्ज अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि आसाराम बापू और नारायण सांई ने उनका यौन उत्पीड़न किया था।
इनमें से एक बड़ी बहन ने आरोप लगाया कि जब वह उसके अहमदाबाद के आश्रम में रह रही थी तो 1997 से 2006 के बीच आसाराम ने उसके साथ बलात्कार किया। छोटी बहन ने आरोप लगाया था कि सूरत के जहांगीपुरा इलाके में बने आश्रम में 2002 से 2005 के बीच रहने के दौरान नारायण सांई ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया।
सांई को दिसम्बर 2013 में दिल्ली हरियाणा बार्डर पर गिरफ्तार किया गया था। जब वह जेल में था, तो सूरत पुलिस ने दावा किया था कि उसने मामले को कमजोर बनाने के लिए पुलिस अधिकारियों, डॉक्टरों और यहां तक कि न्यायिक अधिकारियों को रिश्वत देने की कोशिश की।
आसाराम जोधपुर में बलात्कार के एक दूसरे मामले में दोषी पाया जा चुका है और वह आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है और सूरत में रहने वाली महिला के द्वारा दायर मामला गांधी नगर अदालत में चल रहा है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)