नागपुर: एएसआई की धीमी चाल, न कोई काम पूरा हुआ, न रिपोर्ट हुई प्रकाशित
By वसीम क़ुरैशी | Published: January 24, 2022 09:34 AM2022-01-24T09:34:45+5:302022-01-24T09:36:15+5:30
कोरोना काल और लॉकडाउन आदि के बीच भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कार्यालय (नागपुर) की उत्खनन शाखा के काम की रिपोर्ट दो साल से प्रकाशित ही नहीं हो पाई है.
नागपुर: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कार्यालय, नागपुर की उत्खनन शाखा के काम की रिपोर्ट दो साल से प्रकाशित ही नहीं हो पाई है. शाखा का इन दो सालों में राजस्थान के कालीबंगा, मध्यप्रदेश के सागर स्थित एरन और नागपुर शहर से सटे गांव माहुरझरी में काम चल रहा है. हालात बता रहे हैं कि पुरातात्विक उत्खनन से जुड़े ये काम न तो पूरे हुए हैं, न ही महकमे ने इनकी रिपोर्ट प्रकाशित करने में कोई रुचि दिखाई है.
दो साल बाद भी इन स्थानों में हुई खुदाई ‘जंगल में मोर नाचा, किसने देखा’, की तर्ज पर हुई है. जितना काम हुआ, उतनी रिपोर्ट भी सामने नहीं आई. कालीबंगा और एरन तो काफी दूर हैं.
माहुरझरी का साइट एएसआई कार्यालय से करीब 15 किमी की दूरी पर मौजूद है. लेकिन यहां भी काम ‘नौ दिन चले,अढ़ाई कोस’ की तर्ज पर चल रहा है. सूत्रों के अनुसार बीते तीन साल में कोई बड़ा परिवर्तन तो नहीं हुआ लेकिन एक हैरतअंगेज तबादला जरूर हुआ है. एएसआई के सेमिनरी हिल्स कार्यालय में संबंधित अधिकारी उसी जगह स्थानांतरित किए गए जहां वे पहले से ही मौजूद थे.
जमीनी काम ज्यादा
लॉकडाउन के दौरान इस महकमे का स्टाफ लंबे समय तक घरों पर रहा है. खुदाई के काम में ‘वर्क फ्रॉम होम’ भी संभव नहीं. वर्तमान में एक बार फिर कोरोना के बढ़ते असर के बीच कार्यालय में 50 प्रतिशत स्टाफ के साथ ही काम कराया जा रहा है. बताया गया है कि दो साल में हुए काम की अंतरिम रिपोर्ट दिल्ली भेजी गई थी लेकिन इसे प्रकाशित करना अब मुख्यालय के जिम्मे हैं.
ओल्ड हाईकोर्ट का रखरखाव ठंडे बस्ते में
एएसआई का नागपुर सर्किल बनने के बाद उपराजधानी के मध्यस्थलीय भाग में आलीशान ओल्ड हाईकोर्ट के रखरखाव की पूरी उम्मीद जताई जा रही थी लेकिन इस दिशा में भी कोई काम नहीं किया गया है.
इस काम को पूरा कराने में पुरातत्व सर्वेक्षण कार्यालय अब तक फेल नजर आया है. सवाल बना हुआ है कि जब कोई काम ही नहीं हो रहा है तो काम पूरा करवा पाने में सक्षम लोगों को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए.