हैवानियतः पत्नी के हाथ-पैर बांधकर शारीरिक संबंध बनाता था पति, तलाक मंजूर, पारिवारिक कोर्ट ने माना क्रूरता का दोषी
By सौरभ खेकडे | Published: February 20, 2022 08:17 PM2022-02-20T20:17:58+5:302022-02-20T20:18:47+5:30
मई 2017 को वानाडोंगरी निवासी युवती से विवाह हुआ था. पत्नी का आरोप है कि जब शारीरिक संबंध बनाने से इनकार करती, तो पति उसके हाथ-पांव बांध कर उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित करता था.
नागपुरः नागपुर पारिवारिक न्यायालय ने अपने पति की बर्बरता की शिकार एक 22 वर्षीय युवती की तलाक की अर्जी स्वीकार की है. वाड़ी निवासी यह 28 वर्षीय पति शराब का आदि है.
उसका मई 2017 को वानाडोंगरी निवासी युवती से विवाह हुआ था. पत्नी का आरोप है कि जब शारीरिक संबंध बनाने से इनकार करती, तो पति उसके हाथ-पांव बांध कर उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित करता था. पत्नी चिल्ला ना सके इसलिए उसके मुंह में भी कपड़ा ठूंस देता था.
पहली बार ऐसा होते ही युवती ने अपने परिजनों और सास को यह बात बताई, लेकिन दोबारा ऐसा ना होने के सास के आश्वासन पर वह ससुराल में रहने लगी. लेकिन इसके बाद भी पति ने ऐसी ही हरकत दोहराई. समय के साथ साथ पति का बर्ताव बुरा होता गया.
वह पत्नी पर उसके मायके से पैसे लाने का दबाव बनाता, उसके चरित्र पर शक करता था. बात बात पर उसकी पिटाई कर देता था. जिसके बाद उसने तलाक की अर्जी दायर की. मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने यह तलाक मंजूर किया है.
पत्नी को गुलाम ना समझे
मामले में पत्नी के अधिवक्ता श्याम आंभोरे ने बताया कि पीड़िता की उम्र बहुत ही कम है. इतनी कम उम्र में ऐसी बर्बरता किसी को भी तोड़ कर रख सकती है. इस प्रकरण के माध्यम से न्यायालय ने भी यही संदेश दिया है कि पत्नी आपकी गुलाम नहीं होती.
उसके साथ पूरे सम्मान और प्रेम से पेश आने की जरूरत है. हिंदू विवाह अधिनयम की धारा 13(1)(ए) के अनुसार कोर्ट यदि याचिकाकर्ता के खिलाफ उसके जीवनसाथी द्वारा क्रूरता साबित होती है, तो न्यायालय तलाक मंजूर कर सकता है.