नागपुरः 135 सेवानिवृत्त चालकों की सूची तैयार, चलाएंगे एसटी बसें, ₹20000 रुपए वेतन तय
By वसीम क़ुरैशी | Published: January 6, 2022 08:34 PM2022-01-06T20:34:22+5:302022-01-06T20:35:51+5:30
नागपुर डिवीजन में इस सेवा के लिए 135 सेवानिवृत्त चालकों की सूची तैयार की गई है.
नागपुरः एसटी महामंडल को शासन में विलीन किए जाने की मांग को लेकर लंबे समय से चली आ रही कर्मचारियों कीहड़ताल के बीच अब महामंडल ने रिटायर्ड ड्राईवरों के सहारे बसें चलाने का फैसला ले लिया है. नागपुर डिवीजन में इस सेवा के लिए 135 सेवानिवृत्त चालकों की सूची तैयार की गई है.
वर्तमान में हड़ताल छोड़कर काम पर लौटे 15-20 चालकों के भरोसे ही चंद बसें चलाई जा रही थीं. बड़े पैमाने से बसों के न चलने की वजह से एसटी को करोड़ों का नुकसान हुआ है. हड़ताल के बीच एसटी महामंडल बसों को संचालित करने के लिए कई विकल्पों पर गौर कर रहा था.
करीब एक माहपूर्व उसने निजी बसों के सहारे भी संचालन का विचार किया था लेकिन पिछले कुछ अनुभवों को लेकर इस प्रस्ताव को अमल में नहीं लाया गया. अब 5 जनवरी को एक सर्क्यूलर जारी करते हुए सेवानिवृत्त चालकों के जरिए एसटी चलाने की तैयारी कर ली गई है. वहीं पात्र उम्मीदवारों को तीन दिन के भीतर आवेदन करने कहा गया है.
ये हैं पात्रता की शर्तें
-सेवानिवृत्त कर्मचारी 62 वर्ष से ज्यादा का न हो.
-उसके सेवा कार्यकाल में उससे कोई मेजर या फेटल एक्सीडेंट न हुआ हो.
-उसका कैरेक्टर व सर्विस रिकॉर्ड बेहतर हो.
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
-सेवानिवृत्त कर्मचारी को 20 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जाएगा.
-वीकली ऑफ दिए जाने के साथ उसकी 26 दिन की ड्यूटी होगी.
-पात्र उम्मीदवारों के फॉर्म भरने के बाद स्क्रूटनी होगी.
-अच्छी सड़कों वाले रूट पर इच्छुक सेवानिवृत्त कर्मचारी डबल ड्यूटी भी कर पाएंगे.
-कुछ मान्यताप्राप्त एजेंसी के माध्यम से भी ड्राईवर लिए जाएंगे.
अनुभव का लाभ मिलेगा
एसटी में ऐसे कई सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं जिनका ड्राईविंग शौक है. हालांकि सेवा में लिए जाने के पूर्व उनकी दृष्टि क्षमता, सर्विस रिकॉर्ड आदि पहलू देखे जाएंगे. इसमें जो बेहतर होगा उन्हें मौका दिया जाएगा. इच्छुक सेवानिवृत्त कर्मचारी 8 जनवरी तक आवेदन कर सकते हैं.
हड़ताल बन जाएगी वरदान
एसटी में वर्षों तक काम करते हुए रिटायर हुए चालकों को थर्ड पार्टी पेंशन के रूप में प्रतिमाह 2200 रुपए से 2500 रुपए ही पेंशन मिलती है. बेतहाशा बढ़ी मंहगाई वाले इस दौर में इतनी रकम में अपनी जरूरतों को पूरा कर पाना उनके लिए काफी मुश्किल है. काम के लिए फिट होने के बावजूद ऐसे कई लोग हैं जो वापस काम पर लौटने की हसरत में थे, ऐसे सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए ये हड़ताल जैसे वरदान साबित हो रही है.